नई दिल्ली: सालों से बीजेपी का गढ़ रहा विदिशा 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भेद दिया था. जिसके बाद बीजेपी इस बार के विधानसभा चुनाव में बहुत सोच समझकर टिकट देने का प्लान तैयार कर रही है. बीजेपी ने अब 230 सीटों के लिए 228 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. बीजेपी ने अभी तक गुना और विदिशा तो कांग्रेस पार्टी ने आमला सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है. 2018 के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी इस सीट पर प्रत्याशी के पक्ष में आम सभा करने आए थे. जिसके बावजूद बीजेपी ने यह सीट गवा दी थी इसलिए इस बार कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती.
बीजेपी ने विदिशा सीट पर अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. इसलिए पूरे देश में विदिशा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर बीजेपी ने ये सीट क्यों होल्ड कर रखी है.शिवराज सरकार में पूर्व वित्त मंत्री राघव जी भाई अब संघ की कृपा से अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं कि उनकी अपनी बेटी ज्योति शाह को इस सीट से टिकट मिल जाए. ज्योति शाह विदिशा में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं. वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने करीबी मुकेश टंडन को टिकट देना चाहते हैं.
2018 के विधानसभा चुनाव में चुनाव में मुकेश टंडन को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया था, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं लेकिन कांग्रेस के शशांक भार्गव से लगभग 17000 वोटो से हार गए थे. इस बार मुकेश टंडन बीजेपी कार्यकर्ता और संघ के प्रति रवैया ठीक ना होने के कारण कार्यकर्ता नाराज है. वहीं इस सीट से अचानक एक बार फिर विदिशा विधानसभा के लिए राम रघुवंशी का नाम आगे आया है. नगर में रेडियो मां के नाम से एफएम के संचालक राम रघुवंशी केंद्र सरकार में जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य हैं और प्रदेश में बीजेपी के एनजीओ प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक के पद पर हैं. कुछ समय तक यह सिरोंज विधानसभा से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन अब विदिशा विधानसभा में भी उनके नाम पर विचार किया जा रहा है.
प्रदेश की विदिशा जिले की अपनी राजनीतिक महत्ता रही है. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह जिला संसदीय क्षेत्र रहा है. विदिशा जिले की विदिशा विधानसभा सीट प्रदेश की उन चंद सीटों में है जिसमें बीजेपी का गढ़ कहा जाता है, हालांकि 2018 के चुनाव में उसे झटका लगा था और यह सीट कांग्रेस के पास चली गई थी. प्रदेश की सियासत में विदिशा को वीवीआईपी सीट माना जाता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. 2013 के चुनाव में शिवराज ने 2 सीट से चुनाव लड़ा था. जिसमें विदिशा सीट भी शामिल थी. दोनों जगहों से चुनाव जीतने की वजह से मुख्यमंत्री ने यह सीट छोड़ दी थी, जिसकी वजह से उपचुनाव कराया गया था. जिसमें कल्याण सिंह ठाकुर बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव जीतने में सफल रहे.
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