Lok Sabha Elections 2024: देश की 18वीं लोकसभा के लिए हुए मतदान में कांटे की टक्कर देखने को मिली जिसके चलते बीजेपी सिर्फ 240 सीट पर ही जीत सकी. हालांकि इस दौरान कई ऐसी सीटें भी रही जहां पर कांटे की टक्कर देखने को मिली और कई सीटें ऐसी रही जहां पर जीत का अंतर बहुत कम था.
इस दौरान हम आपको 2024 के लोकसभा चुनावों में सबसे कम वोटों के अंतर से जीत हासिल करने वाली सीट के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर एनडीए बनाम इंडिया के साथ ही असली बनाम नकली की भी लड़ाई चल रही थी. यह सीट महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट है जहां पर एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना के रवींद्र वायकर का मुकाबला उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना के अमोल कीर्तिकर से हुआ.
दोनों ही दल खुद को असली शिवसेना साबित करने की लड़ाई तो लड़ ही रहे थे लेकिन अब इस सीट के नतीजे के बाद हो सकता है कि ये लड़ाई अदालत में भी जारी देखने को मिले. इस सीट पर रवींद्र वायकर (शिंदे गुट) ने अमोल कीर्तिकर (ठाकरे गुट) को महज 48 वोटों से हराकर जीत हासिल की जो न कि राज्य बल्कि इन चुनावों में भी मिली सबसे कम वोटों के अंतर की जीत है.
वायकर की जीत का ऐलान गोरेगांव के नेस्को में मतगणना केंद्र पर रात करीब 8 बजे की गई. गेट के बाहर दोनों उम्मीदवारों के समर्थकों की भीड़ जमा हो गई और वोटों के पलटने के बाद नारे लगाने लगे, इसलिए सुरक्षा बढ़ानी पड़ी. एसएस (यूबीटी) के कीर्तिकर दोपहर के समय ईवीएम की गिनती में सबसे आगे चल रहे थे, शाम करीब 4 बजे तक उनके पास 1700 वोटों का अंतर था. जीत के प्रति आश्वस्त होकर वे मतगणना केंद्र पहुंचे और उनका स्वागत उत्साही समर्थकों ने किया. लेकिन कुछ ही देर बाद माहौल बदल गया जब उनकी बढ़त घटकर एक वोट रह गई और जब डाक मतपत्रों को जोड़ा गया, तो वोट वायकर के पक्ष में गया.
इसके बाद दोनों उम्मीदवारों ने पुनर्मतगणना के लिए रिटर्निंग ऑफिसर से संपर्क किया. नियमों का पालन करते हुए चुनाव अधिकारी ने 111 अमान्य या अस्वीकृत डाक मतपत्रों की फिर से जांच की. डाक मतपत्र को तब अमान्य माना जा सकता है जब उस पर गलत तरीके से निशान लगाया गया हो या उसे फाड़ दिया गया हो, और ऐसे मतों की जांच तब की जाती है जब ईवीएम की ओर से जीत का अंतर अमान्य डाक मतों की संख्या से कम हो लेकिन अधिकारियों ने माना कि ये मत अमान्य हैं, जिससे वायकर को मामूली जीत मिली.
अंतिम गणना के अनुसार, कीर्तिकर को कुल 4,52,596 वोट मिले, जबकि वायकर को 4,526,44 वोट मिले. ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी इस नतीजे को अदालत में चुनौती देगी.
नेस्को के बाहर का माहौल तब बदल गया जब ढोल ताशा और गुलाल लेकर आए सेना यूबीटी समर्थकों को कीर्तिकर की मामूली हार के बारे में पता चला. उन्होंने "धोखेबाज" के नारे लगाने शुरू कर दिए, जबकि वायकर के समर्थक जश्न मना रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई थी, लेकिन कोई हिंसा नहीं हुई.
मुंबई उत्तर-पश्चिम में शिवसेना के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद थी. कीर्तिकर के पिता गजानन कीर्तिकर पहले इस सीट पर थे, और अब वे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के साथ हैं. लेकिन उनके बेटे ने उद्धव ठाकरे की सेना के लिए सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. वायकर ठाकरे परिवार के वफादार हैं, जो प्रवर्तन निदेशालय और ईओडब्ल्यू की जांच के दायरे में आने के बाद इस साल की शुरुआत में शिंदे सेना में शामिल हो गए थे.
रवींद्र वायकर ने कहा, 'मुझे खुशी है कि मुझे इस सीट के माध्यम से देश की सेवा करने का अवसर मिला है. मुझे अमोल की हार का भी दुख है और मैं उनसे माफी मांगता हूं.'
शिवसेना का प्रतिनिधित्व करने वाले रवींद्र दत्ताराम वायकर ने 20 मई, 2024 को 54.84% मतदान के साथ मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव जीता. मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में रवींद्र वायकर की अमोल कीर्तिकर पर करीबी जीत ने सियासी गलियारों में तेजी से बढ़ रहे कॉम्पिटीशन और रणनीतिक पैंतरेबाजी का उदाहरण दिया. इंडिया ब्लॉक ने ईसीआई से वैधानिक नियमों का पालन करते हुए डाक मतपत्रों की गिनती पहले सुनिश्चित करने का आग्रह किया. सीताराम येचुरी ने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर प्रकाश डाला, सीसीटीवी निगरानी वाले गलियारे के साथ ट्रांसपैरेंसी पर जोर दिया.