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'आज जब मैंने अखबार पढ़ा तो हैरान रह गया...', चिदंबरम ने ऐसा क्या कह दिया कि भड़क गए उप-राष्ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तीन नए आपराधइक कानूनों पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान को अपमान जनक और अक्ष्म्य बताया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की मानसिकता वाले लोगों से बचकर रहें जो बार-बार एक रणनीति के तहत अपनी बात दोहरा रहा है और देश को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है.

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Edited By: India Daily Live
Jagdeep Dhankhar, P Chidambaram
Courtesy: SOCIAL MEDIA

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर निशाना साधते हुए उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि राज्य सभा सांसद का यह बयान कि तीन नए आपराधिक कानूनों का मसौदा 'अंशकालिक' द्वारा तैयार किया गया, संसद के ज्ञान का अपमान है. बता दें कि अपने एक हालिया इंटरव्यू में पी चिदंबरम ने कहा था कि 1 जुलाई से जो तीन नए आपराधिक कानून प्रभावी हुए हैं उनका मौसादा 'गैर पेशेवर लोगों' द्वारा तैयार किया गया था जो एक समिति के अंशकालिक सदस्य थे.

धनखड़ ने की चिदंबरम की निंदा

तिरुवनंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने चिदंबरम का नाम लिए बगैर संसद में इन तीनों आपराधिक कानूनों पर चर्चा के लिए अनुपस्थित रहने पर उनकी निंदा की.

बता दें कि भारत में अब अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानून भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1972 को समाप्त कर दिया गया है और उनके स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023,  भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को लागू किया गया है.

मैंने जब अखबार पढ़ा तो मैं हैरान रह गया

धनखड़ ने कहा, 'आज सुबह जब मैंने अखबार पढ़ा तो एक जानकार व्यक्ति जो भारत का वित्त मंत्री रह चुका है, लंबे समय से संसद का सदस्य है और वर्तमान में राज्यसभा का सदस्य है, ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया. मुझे गर्व है कि इस संसद ने बहुत बड़ा काम किया है. इसने हमें युगांतरकारी तीन नए आपराधिक कानून देकर औपनिवेशक विरासत से मुक्त कर दिया है. संसद के प्रत्येक सदस्य को सदन में कुछ न कुछ योगदान करने का अवसर मिला. ये माननीय सज्जन कह रहे हैं कि ये नए कानून पार्ट-टाइमर्स द्वारा तैयार किए गए हैं. क्या हम संसद में पार्ट-टाइमर्स हैं? यह संसद के विवेक का अक्षम्य अपमान है.'

जब उन्हें अवसर मिला तो वह चुप रहे
धनखड़ ने कहा कि चिदंबरम ही नहीं कई अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं को जब इस बिल पर बोलने का अवसर दिया गया अपने सुझाव देने का अवसर दिया गया तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, 'खामी उनकी तरफ से रही कि उन्होंने अपने संवैधानिक कर्तव्यों और दायित्वों को नहीं निभाया. हम उस व्यक्ति की बात का जवाब कैसे दे सकते हैं जो केवल ढांचे को अस्थिर करने के लिए लोगों के बीच तेज आवाज में इस बात को दोहरा रहा है. मैं अचम्भित हूं और इसलिए आपसे कह रहा हूं कि इस तरह की मानसिकता वाले लोगों से बचकर रहें जो बार-बार एक रणनीति के तहत अपनी बात दोहरा रहा है और देश को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है. हमारे संस्थानों का अपमान कर रहा है, हमारी प्रगति को कलंकित कर रहा है. कही सुनी बातों पर ध्यान न दें. वे आलोचनाओं में लगे रहते हैं क्योंकि उन्हें आलोचना करना पसंद है.' धनखड़ ने कहा कि मेरे पास इतने मजबूत शब्द नहीं हैं कि मैं इस तरह के नैरेटिव की निंदा कर सकूं.

चिदंबरम को खुद को जिम्मेदार ठहराना चाहिए

धनखड़ ने चिदंबरम को लेकर कहा कि सांसद को खुद को जिम्मेदार ठहराना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने कहा, 'मैं इस मंच से उनसे अपनी अपमानजनक, निंदनीय और सांसदों के प्रति अत्यधिक अपमानजनक टिप्पणी को वापस लेने की अपील करता हूं. '