'वीर सावरकर कॉलेज' के शिलान्यास पर मचा घमासान, NSUI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, मनमोहन सिंह का नाम किया आगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदुत्व के प्रतीक वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की नींव रखने जा रहे हैं. इस मुद्दे ने दिल्ली चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छेड़ दिया है.

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Veer Savarkar College: दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने एक नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने का निर्णय लिया है, जिसकी आज पीएम मोदी नींव रखेंगे. अब इस मसले पर कांग्रेस सामने आ गई है. कांग्रेस की छात्र शाखा NSUI ने मांग की है कि कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाए, जिनका पिछले सप्ताह निधन हो गया था. वहीं भाजपा ने पार्टी पर 'प्रतिष्ठित हस्तियों का आदतन अपमान करने' का आरोप लगाया है.

NSUI ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में शिक्षा के क्षेत्र में मनमोहन सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला और अनुरोध किया कि कॉलेज का नाम सावरकर के नाम पर न रखकर उनके नाम पर रखकर उनकी विरासत का सम्मान किया जाए. 

NSUI ने पत्र में क्या लिखा?

एनएसयूआई ने कहा, "मनमोहन सिंह ने आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे कई संस्थान स्थापित किए और केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पेश किया. उनके नाम पर संस्थानों का नाम रखना पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और उनके परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का सम्मान करेगा." इसने सिंह के नाम पर एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की भी मांग की, जिनके अभूतपूर्व सुधारों ने 1991 में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया.

वीर सावरकर कॉलेज

नजफगढ़ में 140 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण किया जाएगा. इस निर्णय को 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया था. कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन और सुखजिंदर रंधावा ने भी अंग्रेजों को 'दया याचिका लिखने वालों' का महिमामंडन करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा. रंधावा ने कहा, "प्रधानमंत्री को फिर से सोचना चाहिए. सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी. उनके नाम पर कॉलेज का नाम कैसे रखा जा सकता है?"

कांग्रेस का आरोप

राज्यसभा सांसद हुसैन ने भाजपा पर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की अवहेलना करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "भाजपा उन लोगों को वैधता दे रही है जिन्होंने अंग्रेजों को दया याचिकाएं लिखीं और उनसे पेंशन ली." 

बीजेपी का पलटवार

दूसरी ओर, भाजपा ने इस फैसले का बचाव किया है और कांग्रेस पर पलटवार किया है. दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "केवल कांग्रेस ही जानती है कि वह किन नेताओं का सम्मान करती है. वीर सावरकर एक स्वतंत्रता सेनानी थे. यदि दिल्ली विश्वविद्यालय अपने कॉलेज का नाम उनके सम्मान में रख रहा है, तो हम इसका स्वागत करते हैं." भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने सवाल किया कि क्या इंदिरा गांधी या उद्धव ठाकरे जैसे नेता, जिन्होंने सावरकर की प्रशंसा की थी, वे भी उनके बारे में गलत थे?