नई दिल्ली: वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में तीन महीने से ASI की सर्वे चल रही है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस रिपोर्ट को सार्वदनिक की जाए.
ASI ने 18 दिसंबर को सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल किया था. हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट की मांग की थी लेकिन मुश्लिम पक्ष ने इसपर आपत्ति जताई थी. अदालत में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद, ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने एएसआई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की जिसमें तर्क दिया गया कि रिपोर्ट "सीलबंद कवर में दाखिल नहीं की जा सकती.
एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं. सर्वेक्षण तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि यह कदम "न्याय के हित में आवश्यक" था और इससे विवाद में हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को फायदा होगा.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी समिति आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में एएसआई सर्वेक्षण पर हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.