Uttarkashi Silkyara Tunnel workers health updates: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से निकाले गए 41 मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आर्थिक सहायता की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए काम रहे मजदूरों को करीब 3 हफ्ते की छुट्टी दी गई है. इन 3 हफ्तों में उनका वेतन नहीं कटेगा. साथ ही सभी मजदूरों को उत्तराखंड सरकार की ओर से 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता करेगी. साथ ही उनके इलाज और घर जाने का खर्च भी सरकार उठाएगी.
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को 17 दिनों के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया. दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को सुरंग के एक हिस्से में मलबा गिरने से ये सभी 41 मजदूर अंदर फंस गए थे. मजदूरों के फंसने के बाद उन्हें निकालने के लिए NDRF, SDRF, सेना, रैट माइनर्स की टीम समेत पिछले 17 दिनों से दिनरात काम कर रहीं थीं.
#WATCH | Family and friends of rescued worker Akhilesh Kumar, in Gharwaspur village in UP's Mirzapur, raised slogans of 'Jai Shri Ram' and lit earthen lamps and candles to celebrate the safe rescue of 41 men from Silkyara tunnel last night pic.twitter.com/7QmdrKy21i
— ANI (@ANI) November 29, 2023
सबसे पहले युवा मजदूर को निकाला गया बाहर
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में से सबसे पहले युवा मजदूर को निकाला गया. इसके बाद एक-एक कर सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया. बाहर निकाले जाने के बाद सभी मजदूरों ने रेस्क्यू में जुटी सभी टीमों, केंद्र और उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद दिया.
वहीं, मजदूरों के सफल रेस्क्यू के बाद घटनास्थल पर मौजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग के बाहर बनाए गए बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा. साथ ही राज्य में बन रही सभी टनलों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी. मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू में जुटी सभी टीमों को धन्यवाद दिया.
#WATCH | Subodh Kumar Verma, a worker rescued from the Silkyara tunnel, thanks the Central and State governments for their efforts to bring out all 41 men safely
— ANI (@ANI) November 29, 2023
"The first 24 hours were tough but after that food was provided to us through a pipe. I am absolutely fine and in… pic.twitter.com/ocfBxF2HZl
मजदूर बोले- हम परिवार से मिलने को उत्सुक
उधर, रेस्क्यू किए गए मजदूर अब अपने चिंतित परिवारों से मिलने के लिए उत्सुक हैं. बचाए गए मजदूरों में से एक, झारखंड के विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास था कि उन्हें बचा लिया जाएगा और वे बाहरी दुनिया को फिर से देखेंगे. मैं बहुत खुश हूं. फंसे हुए बाकी सभी मजदूर भी सुरक्षित हैं. अब हम अस्पताल में हैं.
उन्होंने बताया कि मलबा सुरंग की शुरुआत में गिरा था और मैं दूसरी तरफ था. हम अपना समय बिताने के लिए सुरंग के अंदर घूमते थे. शुरुआत में थोड़ा डर था, लेकिन जैसे-जैसे हमें खाना, पानी मिलता गया और अपने परिवारों से बात होती गई, हमारा मनोबल बढ़ता गया.
#WATCH | First exclusive byte of rescued worker, Vishwajeet Kumar Verma, who narrates his 17-day ordeal of being trapped in the Silkyara tunnel
— ANI (@ANI) November 29, 2023
"When the debris fell, we knew that we were stuck. For the first 10-15 hours we faced difficulty. But later, a pipe was put in to… pic.twitter.com/65X4afMVvB
विश्वजीत के साथ रेस्क्यू किए गए सुबोध कुमार वर्मा ने कहा कि मैं झारखंड का रहने वाला हूं और सुरंग के अंदर कंक्रीट पंप चलाता हूं. सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह जाने से मजदूरों में डर का माहौल बन गया. डर के साये में 18-24 घंटे गुजर गए और उसके बाद जब हम खाना-पीना मिलने लगा, हमें कुछ राहत मिली. प्रशासन ने ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की थी. हमें पूरा भरोसा था कि प्रशासन हमें बाहर निकाल लेगा. सुबोध वर्मा ने आगे कहा कि वह अपने परिवार से मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
बता दें कि 41 लोगों में से 15 झारखंड से, दो उत्तराखंड से, पांच बिहार से, तीन पश्चिम बंगाल से, आठ उत्तर प्रदेश से, पांच ओडिशा से, दो असम से और एक हिमाचल प्रदेश से हैं.