मदरसों में औरंगजेब नहीं... पढ़ाई जाएगी भगवान राम की कहानी, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का बड़ा ऐलान
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने बड़ा ऐलान किया है. बोर्ड का कहना है कि अब राज्य के मदरसों में बच्चों को भगवान राम की कहानी पढ़ाई जाएगी, उनके विचारों के बारे में पढ़ाया जाएगा. बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के अनुसार, वे इस साल मार्च से चार मदरसों में बदलाव लागू करेंगे और बाद में इसे अपने अधीन सभी 117 मदरसों तक पहुंचाएंगे.
Uttarakhand Waqf Board teach Shri Ram story values in madrasas: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने बड़ा ऐलान किया है. बोर्ड का कहना है कि अब राज्य के मदरसों में बच्चों को भगवान राम की कहानी पढ़ाई जाएगी, उनके विचारों के बारे में पढ़ाया जाएगा. बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के अनुसार, वे इस साल मार्च से चार मदरसों में बदलाव लागू करेंगे और बाद में इसे अपने अधीन सभी 117 मदरसों तक पहुंचाएंगे.
NCERT सिलेबस लागू करके मदरसों को आधुनिक बनाने के अपने वादे पर चलते हुए, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने अब घोषणा की है कि उसके मदरसे भगवान राम की कहानी और मूल्यों को भी पढ़ाएंगे. बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के अनुसार, बोर्ड इस साल मार्च से चार मदरसों में बदलाव लागू करेगा और बाद में इसे अपने अधीन सभी 117 मदरसों तक विस्तारित करेगा. शुरुआत में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल से एक-एक मदरसा पाठ्यक्रम लागू करेगा.
शम्स बोले- पूरा देश अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मना रहा है
शादाब शम्स ने कहा कि जिस तरह से पूरा देश अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाया जा रहा है, हमने सोचा कि हमें मार्च सत्र से शुरू होने वाले चार आधुनिक मदरसों में श्रीराम के बारे में पढ़ाना चाहिए. यहां तक कि अल्लामा इकबाल (एक प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक) का एक उद्धरण भी है जिसमें उन्होंने भगवान राम को 'इमाम-ए-हिंद (भारत के नेता)' के रूप में संदर्भित किया है. भारतीय मुसलमानों को श्रीराम का अनुसरण करना चाहिए क्योंकि हम अरब नहीं हैं. हम धर्मांतरित मुसलमान हैं जिन्होंने अपनी पूजा का तरीका बदल दिया है लेकिन हम अपने पूर्वजों को नहीं बदल सकते.
उन्होंने कहा कि श्रीराम सबके हैं. राम जैसा पुत्र कौन नहीं चाहता, जिसने अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए सब कुछ छोड़ दिया? लक्ष्मण जैसा भाई या सीता जैसी पत्नी कौन नहीं चाहता? एक तरफ हमारे पास ये किरदार हैं और दूसरी तरफ हमारे पास औरंगजेब जैसे किरदार हैं, जिसने अपने भाई को मार डाला और अपने पिता को जेल में डाल दिया. हम किसी भी कीमत पर औरंगजेब के बारे में नहीं पढ़ाएंगे. शम्स ने कहा कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड फरवरी से पाठ्यक्रम के लिए योग्य शिक्षकों की तलाश शुरू कर देगा. शम्स के मुताबिक, इन मदरसों में किसी भी अन्य आधुनिक स्कूल की तरह ही सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक कक्षाएं चलाई जाएंगी.
मॉडल मदरसों में पांच बार अदा की जाएगी नमाज
शादाब शम्स ने कहा कि मॉडल मदरसों में दिन में पांच बार नमाज अदा की जाएगी. सुबह लगभग 6.30 बजे नमाज अदा करने के बाद, एक घंटा कुरान पढ़ाया जाएगा. सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक मदरसे सामान्य स्कूल की तरह चलेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि छात्रों के लिए किसी भी इंग्लिश मीडिया के स्कूल की तरह ड्रेस अनिवार्य होगी. शम्स ने हिंदू संत समुदाय से बड़ा दिल दिखाने और गरीब मदरसों को गोद लेने के लिए आगे आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इससे दोनों धर्मों के बीच दूरियां कम होंगी और मदरसों के आधुनिकीकरण से हिंदू छात्रों को भी यहां पढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
पिछले साल वक्फ बोर्ड ने की थी ये घोषणा
पिछले साल, बोर्ड ने घोषणा की थी कि वह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पाठ्यक्रम को लागू करके और बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करके राज्य में मदरसों का आधुनिकीकरण करेगा. शम्स ने कहा था कि वे अपने यहां पंजीकृत मदरसों में संस्कृत लागू करेंगे और सभी मदरसों में एक समान ड्रेस कोड होगा. उन्होंने कहा था कि पाठ्यक्रम वैज्ञानिक शिक्षा और इस्लामी अध्ययन का मिश्रण होगा और छात्र अंग्रेजी के साथ-साथ संस्कृत और अरबी दोनों भाषाएं सीख सकेंगे. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार जल्द ही उत्तराखंड के सभी मदरसों के सर्वेक्षण के लिए एक समिति बनाएगी.