Uttarakhand tunnel collapse: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने की जंग जारी, थाईलैंड से एक्सपर्ट्स लाने की तैयारी

उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने की जंग जारी है. पिछले 8 दिनों से रेस्क्यू चलाया जा रहा है. इस बीच खबर है कि रेस्क्यू के लिए नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट्स की टीम को भी बुलाया जा सकता है.

Gyanendra Sharma

नई दिल्ली: उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने की जंग जारी है. पिछले 8 दिनों से रेस्क्यू चलाया जा रहा है. इस बीच खबर है कि रेस्क्यू के लिए नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट्स की टीम को भी बुलाया जा सकता है. इसके लिए केंद्र सरकार की पूरी तैयारी है. दरअसल कुछ साल पहले थाइलैंड की एक सुरंग में फुटबाल जूनियर टीम के 17 खिलाड़ी फंस गए थे. उन्हें कई दिनों के बाद रेस्क्यू किया गया था.

स्‍क्‍यू ऑपरेशन लगातार 9 दिन से जारी 

सिल्क्यारा सुरंग में रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन लगातार 9 दिन से जारी है और पुरानी मशीनों के साथ साथ नई मशीनों से भी ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है. उधर मजदूरों की जिंदगी के लिए पूरा देश प्रार्थना भी कर रहा है. सभी की निगाहें इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हुईं हैं. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौके पर पहुंचे. नितिन गडकरी उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ हादसे वाली जगह पर पहुंचे और 2 से 3 दिन में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने की उम्मीद जताई है.

मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा खाना

सड़क, परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने रविवार को कहा कि सरकार 41 श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी और सूखे मेवे भेज रही है. बचाव अभियान शुक्रवार दोपहर को निलंबित कर दिया गया था जब श्रमिकों के लिए भागने का मार्ग तैयार करने के लिए मलबे के माध्यम से पाइपों को ड्रिल करने और धकेलने के लिए तैनात अमेरिका निर्मित बरमा मशीन में एक खराबी आ गई जिससे चिंता बढ़ गई. जब तक ड्रिलिंग रोकी गई, तब तक ऑगर मशीन सुरंग के अंदर 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे के माध्यम से 40 मीटर तक ड्रिल कर चुकी थी.

सूत्रों ने कहा कि तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने चार धाम मार्ग पर सिल्कयारा सुरंग के बारकोट छोर पर ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग का कार्य किया है, जिसका एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. ओएनजीसी ड्रिलिंग प्रमुख सोमवार को साइट का दौरा करने वाले हैं और अगले दिन एक रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है. इसके बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) 22 नवंबर (बुधवार) तक ओएनजीसी की रिपोर्ट के आधार पर सड़क के संरेखण को अंतिम रूप देगा.