BJP MLA Audio Viral: उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा के विधायक महेश जीना एक बार फिर चर्चाओं में आ गए हैं. जहां बीजेपी विधायक महेश जीना का पार्टी के कार्यकर्ता से अभद्र भाषा का प्रयोग करने के बाद विवादों में घिर गए हैं. इस बातचीत का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. जिसमें वह पार्टी के एक कार्यकर्ता से अभद्रता करते हुए सुनाई दे रहे हैं. हालांकि, इंडिया डेली लाइव इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.
सल्ट विधानसभा से बीजेपी विधायक महेश जीना का अपने कार्यकर्ता के साथ अभद्रता करने का कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें वह भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए नजर आ रहे हैं. कथित ऑडियो में महेश जीना किसी बात को लेकर नाराज हो जाते हैं, उसमें वे कहते हैं कि, साले बकवास मत कर अगर शिकायत करेगा तो जूतों से मारूंगा. फिलहाल, ये वीडियो वोकल न्यूज के सोशल मीडिया अकाउंट से लिया गया है, और अब यह चर्चा का विषय बन चुका है.
ये है हमारे माननीयों में से एक की भाषा...भद्दी-भद्दी गालियां, धमकी और न जाने क्या-क्या। वीडियो वोकल न्यूज के सोशल मीडिया से साभार लिया गया है। लोग भी तो सुनें हमारे सल्ट क्षेत्र के माननीय विधायक के श्रीमुख से कैसे 'सुवचन' निकल रहे हैं। ...जिस मरचूला हादसे का मुआवजा बांटने की ऐंठन… pic.twitter.com/yXwums76l3
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) November 29, 2024
पार्टी कार्यकर्ता के साथ हुई बदसलूकी
ऑडियो में महेश जीना की आवाज साफ़ सुनाई दे रही है, जिसमें वह पार्टी के कार्यकर्ता से बहुत ही गुस्से और अभद्र भाषा में बात कर रहे हैं. इस तरह का असंवेदनशील और अपमानजनक व्यवहार एक जनप्रतिनिधि की छवि को धूमिल करता है. पार्टी कार्यकर्ता के साथ की गई इस अभद्रता ने महेश जीना की छवि को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.
इस ऑडियो में विधायक महेश जीना की भाषा और बर्ताव यह दिखाते हैं कि वह किस तरह से पार्टी के अपने कार्यकर्ताओं के साथ भी सम्मानपूर्वक पेश नहीं आते. कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह की बदसलूकी यह सवाल खड़ा करती है कि क्या एक नेता को अपने पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए? इस घटना ने सल्ट क्षेत्र में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है.
महेश जीनाका विवादों से रहा है पुराना नाता
इससे पहले भी कई मामलों में विधायक महेश जीना का नाम सामने आया था. जहां विधायक ने देहरादून नगर निगम के नगर आयुक्त और कर्मचारियों के साथ अभद्रता के मामले में केस दर्ज किया गया था. जिसके चलते पुलिस ने उन पर बलवा, सरकारी कामकाज में बाधा पैदा करना और जान से मारने के आरोप लगे थे.