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उत्तराखंड: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रोते हुए दिया इस्तीफा, पहाड़ी लोगों को 'गाली' देना पड़ा भारी-Video

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में बजट सत्र में पर्वतीय इलाकों में रहने वालों को लेकर विवािदत बयान दिया था. इसके बाद से उन पर मंत्री पद छोड़ने का दबाव था. रविवार को रोते हुए उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान किया.

Premchand Aggarwal resignation
Courtesy: Social media

उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. काफी दिनों से उनके इस्तीफे की अटकलें चल रही थीं. वित्त मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालय उनके पास थे. बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत कई संगठनों ने उनके बयान को आपत्तिजनक बताया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी.

देहरादून की ऋषिकेश विधानसभा से विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को प्रेस वार्ता बुलाकर अपने इस्तीफे का ऐलान किया. इस्तीफा देते समय वो भावुक हो गए और रो पड़े. उन्होंने इस्तीफे के ऐलान से पहले कहा, "मैं भी आंदोलनकारी रहा हूं. लेकिन आज जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उससे बहुत आहत हूं". इस्तीफे के ऐलान के बाद वो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफे का एलान करने से पहले  वो अपनी पत्नी के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में बने उत्तराखंड शहीद स्मारक गए. वहां उन्होंने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की. 

प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा क्या था?
बजट सत्र में बोलेते हुए प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा था कि क्या उत्तराखंड सिर्फ पहाड़ के लोगों के लिए बना है.पहाड़ में है कौन, कोई मध्यप्रदेश आया है. कोई राजस्थान से आया और कोई कहीं से. उनके इस बयान पर को लेकर सदन से लेकर सोशल मीडिया में हंगामा हुआ. विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया. 

अनिल बलूनी ने की सख्त टिप्पणी

भाजपा के सीनियर नेता और पौड़ी से सांसद अनिल बलूनी ने भी प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की तरफ से भी प्रेमंचद अग्रवाल को तलब कर उनके बयान के लिए चेतावनी दी गई थी. प्रेमचंद के पास वित्त मंत्री के अलावा शहरी विकास और संसदीय कार्यमंत्री जैसे विभाग थे.