उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. काफी दिनों से उनके इस्तीफे की अटकलें चल रही थीं. वित्त मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालय उनके पास थे. बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत कई संगठनों ने उनके बयान को आपत्तिजनक बताया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी.
देहरादून की ऋषिकेश विधानसभा से विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को प्रेस वार्ता बुलाकर अपने इस्तीफे का ऐलान किया. इस्तीफा देते समय वो भावुक हो गए और रो पड़े. उन्होंने इस्तीफे के ऐलान से पहले कहा, "मैं भी आंदोलनकारी रहा हूं. लेकिन आज जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उससे बहुत आहत हूं". इस्तीफे के ऐलान के बाद वो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफे का एलान करने से पहले वो अपनी पत्नी के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में बने उत्तराखंड शहीद स्मारक गए. वहां उन्होंने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की.
#WATCH | Dehradun | Uttarakhand Parliamentary Affairs and Finance Minister Premchand Aggarwal gets emotional as he announces his resignation from his post. He says, "I always want my state to develop and keep moving forward. Whatever my contribution will be required, I will do… pic.twitter.com/7t0s79FlPh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 16, 2025
प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा क्या था?
बजट सत्र में बोलेते हुए प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा था कि क्या उत्तराखंड सिर्फ पहाड़ के लोगों के लिए बना है.पहाड़ में है कौन, कोई मध्यप्रदेश आया है. कोई राजस्थान से आया और कोई कहीं से. उनके इस बयान पर को लेकर सदन से लेकर सोशल मीडिया में हंगामा हुआ. विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया.
जिस पहाड़ और पहाड़ के लोगों ने आपको वहाँ तक पहुंचा के मंत्री बनाया आज उसी को आप कोस रहे हो..? आपके अहंकार का अब अंत होना निश्चित है!#Uttarakhand #PremChandAggarwal #BJP4IND pic.twitter.com/2QE1RjcbhM
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) February 21, 2025
भाजपा के सीनियर नेता और पौड़ी से सांसद अनिल बलूनी ने भी प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की तरफ से भी प्रेमंचद अग्रवाल को तलब कर उनके बयान के लिए चेतावनी दी गई थी. प्रेमचंद के पास वित्त मंत्री के अलावा शहरी विकास और संसदीय कार्यमंत्री जैसे विभाग थे.