उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने परिवार के साथ हाल ही में प्रयागराज के संगम में स्नान किया. यह स्नान कुंभ मेला क्षेत्र में स्थित पवित्र संगम स्थल पर किया गया, जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है. मुख्यमंत्री धामी का यह कदम धार्मिक आस्थाओं के साथ-साथ उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है.
संगम स्नान का धार्मिक महत्व: संगम स्थल पर स्नान का धार्मिक महत्व अत्यधिक है. हिन्दू धर्म के अनुसार, संगम पर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी पाप धो दिए जाते हैं. यह स्थान विशेष रूप से कुम्भ मेला के दौरान लाखों तीर्थयात्रियों का आस्थाओं का केन्द्र बनता है. मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर अपनी आस्था प्रकट करते हुए संगम में स्नान किया और भारत की प्राचीन धार्मिक संस्कृति को सम्मानित किया.
परिवार के साथ स्नान का आस्था से जुड़ा संदेश:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने परिवार के साथ इस पवित्र स्थल पर स्नान करने का निर्णय लिया, जिससे यह संदेश गया कि वह न केवल सार्वजनिक जीवन में, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी भारतीय संस्कृति और आस्थाओं को मानते हैं. धामी ने संगम स्नान के बाद इस अवसर को अपने जीवन का महत्वपूर्ण पल बताया और इसे उनके परिवार के लिए एक श्रद्धेय अनुभव बताया.
संगम स्नान के बाद मुख्यमंत्री का आशीर्वाद:
संगम में स्नान के बाद, मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों और सभी तीर्थयात्रियों के लिए मंगलकामनाएं दी. उन्होंने कहा, "यह स्नान केवल शारीरिक शुद्धि का नहीं है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का भी प्रतीक है. हमें हमेशा अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए."
पतितपावनी माँ गंगा, माँ यमुना एवं माँ सरस्वती के परमपवित्र दिव्य त्रिवेणी संगम में महाकुंभ-2025 के अलौकिक एवं पुण्यदायी कालखंड में सपरिवार स्नान का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ। pic.twitter.com/ZQ8E8tFjAO
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 10, 2025
उत्तराखंड सरकार का सहयोग:
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सरकार की ओर से तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए किए गए प्रयासों को भी सराहा. उन्होंने राज्य के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में किए गए कार्यों की जानकारी दी और कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उत्तराखंड की धार्मिक और प्राकृतिक धरोहर का अनुभव कर सकें.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संगम स्नान परिवार के साथ न केवल उनके आस्थाओं को प्रकट करने वाला था, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और धार्मिक महत्व को भी प्रस्तुत करने का एक अवसर था. यह कदम राज्य की धार्मिकता और पर्यटन को एक नया आयाम दे सकता है.