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India Daily

Uttarakhand Avalanche: चमोली एवलांच की चपेट में आए एक और शख्स का शव बरामद, मरने वालों की संख्या 5 हुई, 3 अभी भी लापता

Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के माना (चमोली) हिमस्खलन की घटना के बाद चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान सेना ने बर्फ में एक और शव बरामद किया है. लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव पीआरओ (रक्षा) ने जानकारी दी है कि शव को माना पोस्ट पर लाया जा रहा है. तीन लोग अभी भी लापता हैं, सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

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Edited By: Princy Sharma
Uttarakhand Avalanche
Courtesy: Social Media

Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब पांच हो गई है, आज दोपहर एक शव बरामद किया गया. लेकिन अभी भी 3 मजदूर लापता है. शुक्रवार को बद्रीनाथ मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर दूर माणा गांव के पास सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के श्रम स्थल पर हिमस्खलन हुआ, जिसमें आठ कंटेनरों और एक शेड के अंदर 54 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए.

सेना, वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों की मदद से शुक्रवार रात तक 33 और शनिवार को 17 को बचा लिया गया. इलाज के दौरान चार मजदूर की मौत हो गई.

उत्तराखंड हिमस्खलन बचाव अभियान

भारी बारिश और बर्फबारी ने बचाव अभियान में बाधा डाली है, जो पिछली दो रातों से कुछ समय के लिए रुका हुआ था. राहत दल 3,200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर हिमस्खलन स्थल पर काम कर रहे हैं, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया है. शनिवार को बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही सीमित होने के कारण ज्यादातर काम सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा किया गया.

फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए सेना, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईएएफ, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग के 200 से अधिक कर्मी बचाव अभियान में लगे हुए हैं.

CM पुष्कर सिंह धामी ने किया दौरा 

शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हिमस्खलन प्रभावित स्थल का प्लेन से सर्वे किया और राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को लापता मजदूर की तलाश युद्ध लेवल पर जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

माना के पास कंटेनरों में रखे गए 54 मजदूरों में से एक मनोज भंडारी ने कहा कि वह चोटी से बर्फ का पहाड़ खिसकते हुए देखकर जाग गए. उत्तराखंड हिमस्खलन को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने सभी को सावधान करने के लिए चिल्लाया और खुद को बचाने के लिए पास में खड़ी लोडर मशीन के पीछे भागा.' एक अन्य मजदूर गोपाल जोशी ने कहा कि मौसम पिछले कुछ दिनों की तरह ही खराब था. उन्होंने कहा कि यह सब एक झटके में हुआ.