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India Daily

USAID फंडिंग विवाद: भारतीय चुनावों में विदेशी पैसे की आशंका, S Jaishankar ने जताई चिंता

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यूएसएआईडी को भारत में सकारात्मक उद्देश्यों के साथ काम करने की अनुमति है. हालांकि, हाल के दिनों में अमेरिका से संकेत मिले हैं कि कुछ गतिविधियां संभावित रूप से घातक हो सकती हैं.

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Edited By: Ritu Sharma
S. Jaishankar
Courtesy: Social Media

USAID Funding: अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी (USAID) की फंडिंग को लेकर भारत में सियासी माहौल गर्म है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे के बाद कि भारत में चुनावों को प्रभावित करने के लिए करोड़ों डॉलर भेजे गए, इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है. अब इस विवाद पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर इन आरोपों में सच्चाई है, तो यह बेहद चिंताजनक है.

एस जयशंकर ने जताई चिंता

आपको बता दें कि दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यूएसएआईडी को भारत में अच्छे इरादों के तहत काम करने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, अब अमेरिका से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कुछ गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण थीं. उन्होंने कहा, ''यह गंभीर मामला है और अगर इसमें कुछ सच्चाई है तो हमें यह जानने का अधिकार है कि इसमें कौन लोग शामिल हैं.''

ट्रंप प्रशासन के आरोप और भारत की प्रतिक्रिया

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि अमेरिका से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा था. इस मुद्दे पर भारत सरकार ने सख्ती दिखाते हुए जांच शुरू कर दी है. बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, ''हमने अमेरिकी प्रशासन से प्राप्त जानकारी का संज्ञान लिया है. ये आरोप स्पष्ट रूप से बेहद परेशान करने वाले हैं और भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की चिंताओं को बढ़ाते हैं.''

क्या कहती है सरकार?

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, संबंधित विभाग और एजेंसियां इस पूरे मामले की जांच कर रही हैं. यदि किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

क्या हो सकता है असर?

हालांकि, अगर जांच में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप सही साबित होते हैं, तो भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर पड़ सकता है. भारत अपनी संप्रभुता और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी बाहरी दखल को स्वीकार नहीं करेगा, जिससे आने वाले दिनों में कूटनीतिक तनाव बढ़ सकता है.

बहरहाल, USAID फंडिंग विवाद ने भारत में राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर हलचल मचा दी है. एस जयशंकर के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत इस मामले को हल्के में नहीं लेगा और जांच पूरी होने के बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा.