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India Daily

अमेरिका से भारत भेजे गए 333 अवैध प्रवासी भारतीयों में 126 पंजाबी, क्या इसलिए यहीं उतर रहा है प्लेन?

5, 15 और 16 फरवरी को अमेरिका से तीन उड़ानों के ज़रिए 333 भारतीय वापस लौटे. इनमें से 126 पंजाब से थे, जो कुल निर्वासितों का लगभग 38% है. जबकि, दूसरे नंबर पर हरियाणा से 110 निर्वासित लोग थे, जो कुल निर्वासितों का 33% है.

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Edited By: Mayank Tiwari
अमेरिका से भारतीयों की वापसी का आंकड़ा
Courtesy: Social Media

अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का जत्था इस महीने अमेरिका से भारत लौटे भारतीयों में से करीब 71% लोग पंजाब और हरियाणा से थे, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या पंजाब की थी. सरकारी सूत्रों के अनुसार, यही कारण है कि अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर, पंजाब में लैंड किए गए.

न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार, 5, 15, और 16 फरवरी को अमेरिका से तीन फ्लाइट्स के जरिए कुल 333 भारतीय भारत लौटे. इनमें से 126 लोग पंजाब से थे, जो कुल निर्वासितों का करीब 38% थे. इसके बाद हरियाणा से 110 लोग लौटे, जो 33% थे.

फ्लाइट्स और आंकड़े

सूत्रों का कहना है कि यह स्थिति समझाती है कि ये सभी फ्लाइट्स अमृतसर में क्यों उतरीं. दरअसल, साल 2020 से 2024 तक भारत लौटे निर्वासितों की 18 अन्य फ्लाइट्स भी अमृतसर में उतरीं, जो जो बाइडन के कार्यकाल में हुईं. इससे साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद के दौरान इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इससे पहले केंद्रीय सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि अमेरिका से लौटे निर्वासितों के विमान दिल्ली या अन्य स्थानों पर न लैंड करके अमृतसर में उतारना पंजाब को बदनाम करने की साजिश है.

एक डेटा के अनुसार, 333 निर्वासितों में से 262 पुरुष, 42 महिलाएं और 29 बच्चे थे. गुजरात से 74, उत्तर प्रदेश से आठ, महाराष्ट्र से पांच, हिमाचल प्रदेश, गोवा, राजस्थान और चंडीगढ़ से दो-दो लोग, और जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड से एक-एक निर्वासित थे.

उड़ानों के दौरान सुरक्षा उपाय

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 15 और 16 फरवरी को आई फ्लाइट्स के दौरान महिलाओं और बच्चों को कोई बांधने का उपाय नहीं किया गया. हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने केंद्रीय सरकार की आलोचना की, क्योंकि पुरुषों को फ्लाइट्स के दौरान हाथों, कमर और पैरों में बेड़ियां बांधने की अनुमति दी गई थी.

सरकार के सूत्रों के अनुसार, यह अमेरिकी नीति के तहत किया गया था, जो 2012 से लागू है. इस नीति के तहत निर्वासितों को उड़ान के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेड़ियों में बांधना अनिवार्य होता है, ताकि वे आपस में टकराएं या खुद को नुकसान न पहुंचा सकें.