‘पैसे न देने पर मार दी गोली…’ इस व्यक्ति ने 62 दिन की जर्नी में भूख, प्यास और मौत को करीब से देखा

US Deported Indians: हर्प्रीत ललिया, उर्फ रोशन, कनाडा में टैक्सी चलाने का सपना लेकर 50 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका पहुंचे, लेकिन अवैध रास्ते से यात्रा के दौरान माफिया और पुलिस ने उन्हें धोखा दिया. 62 दिन की कठिन यात्रा के बाद, वे अमेरिका में पकड़े गए और भारत वापस भेजे गए. उनका अनुभव यह दर्शाता है कि विदेश में बेहतर जीवन का सपना कितने खतरों से भरा होता है.

US Deported Indians: अमेरिका से अप्रवासी भारतीयों को वापस भारत भेज दिया गया है और इसके बाद कई लोगों का अमेरिका ड्रीम टूट चुका है. इन्हीं में से एक हैं हर्प्रीत ललिया, जिन्हें रोशन के नाम से भी जाना जाता है. इन्हें  कनाडा में टैक्सी चलाकर हर महीने 4 लाख रुपये कमाने का सपना दिखाया गया था. इस सपने के पीछे, उसने गहने, दो ट्रक और 50 लाख रुपये का निवेश किया, जिससे वह अमेरिका-मैक्सिको सीमा तक पहुंच सके, जो उसने सोचा था कि उसकी नई जिंदगी की शुरुआत होगी.

लेकिन रोशन को यह नहीं पता था कि 62 दिन बाद वह मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह थक जाएगा, साथ ही भूखा-प्यासा और कई दर्दनाक यादों के साथ भारत लौटेगा. रास्ते में वह जंगलों और पहाड़ियों से गुजरते हुए कई दिनों तक भूखा चला और देखा. इसी बीच उसने देखा कि पैसे न दे पाने के चलते एक दूसरे अवैध प्रवासी को ट्रैफिकिंग माफिया ने गोली मार दी.

12 दिन तक बिस्कुट, सेब और जूस पर जीवित रहा:

रोशन का सफर अंत में उस समय खत्म हुआ जब उन्हें गिरफ्तार कर के अमेरिका के सैन डिएगो में एक जेल में डाला गया. वहां वे 12 दिन तक बिस्कुट, सेब और जूस पर जीवित रहे. रोशन ने बताया कि वह अपनी मां के गांव, गुरदासपुर में एक इमीग्रेशन एजेंट से मिला था, जिसने उसे कनाडा जाने का सपना दिखाया था. एजेंट ने शुरुआत में 18 लाख रुपये की फीस ली और कहा कि उसे एक टूरिस्ट वीजा मिल जाएगा, जिसे बाद में वर्क परमिट में बदल दिया जाएगा. लेकिन वास्तविकता कुछ और ही थी.

कुछ इस तरह शुरू हुआ था सफर: 

रोशन का सफर अबू धाबी से शुरू हुआ, जहां एयरलाइन ने उसे दिल्ली वापस भेज दिया. इसके बाद उसे काहिरा, फिर मैड्रिड और फिर ग्वाटेमाला भेजा गया. वहां से वह निका्रागुआ और होंडुरास होते हुए मैक्सिको पहुंचा. रास्ते में, उसने देखा कि लोकल पुलिस और माफिया मिलकर प्रवासियों को धोखा दे रहे थे. मैक्सिको में, उसे और अन्य प्रवासियों को नदी पार कराई गई और फिर जंगलों में कई घंटे पैदल चलने के बाद, वे अमेरिका की सीमा पर पहुंचे. लेकिन अमेरिकी सीमा बल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें वापस भारत भेज दिया.

रोशन की यह यात्रा इस बात का सबूत है कि लोग विदेश में बेहतर जिंदगी की तलाश में कितने खतरों का सामना करते हैं.