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India Daily

'मछली खाते हो'... लोकसभा में आए मालदीव स्पीकर अब्दुल रहीम के सामने ओमबिरला ने बीजेपी सांसद से ली मौज!

सदन में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछते हुए रूड़ी ने कहा कि देश में 95 करोड़ लोग मछली खाते हैं और एक करोड़ लोग मछली का उत्पादन करते हैं. भाजपा सांसद ने आगे कहा कि अध्यक्ष जी, पता नहीं आप मछली खाते हैं या नही. इस पर बिरला ने कहा कि मैं नहीं खाता. मैं शाकाहारी हूं.

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Edited By: Anvi Shukla
om birla during lok sabha discussion
Courtesy: social media

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि मैं मछली नहीं खाता, शाकाहारी हूं. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजीव प्रताप रूड़ी की एक टिप्पणी के जवाब में उन्होंने कहा कि वह मछली नहीं खाते और शाकाहारी हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संसद सत्र के दौरान एक मजेदार बयान चर्चा का विषय बन गया. यह घटना उस समय हुई जब भाजपा सांसद ने लोकसभा सत्र के दौरान मछली खाने को लेकर एक टिप्पणी की. भाजपा सांसद  राजीव प्रताप रूड़ी ने पूछा, "क्या आप मछली खाते हो?" इस सवाल पर ओम बिरला ने जवाब देते हुए कहा, "मैं मछली नहीं खाता, मैं शाकाहारी हूं." बिरला का यह जवाब सुनकर सदन में हंसी का माहौल बन गया. 

बीजेपी सांसद की मछली पर टिप्पणी  
भाजपा सांसद की मछली खाने को लेकर की गई टिप्पणी के बाद सदन में हल्के-फुल्के पल आए. भाजपा सांसद का बयान थोड़ा मजाकिया था, जिसमें उन्होंने यह सवाल किया था कि क्या लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मछली खाते हैं. इस सवाल का जवाब बिरला ने बिना किसी हिचकिचाहट के और मजाकिया अंदाज में दिया, जिससे संसद में मौजूद सांसदों को भी हंसी आ गई.

संसद में हल्के-फुल्के पल की शुरुआत:  
ओम बिरला ने शाकाहारी होने की बात कहते हुए इसे एक मजेदार संवाद के रूप में पेश किया. उनका यह जवाब पूरी तरह से संसद की गंभीर कार्यवाही से अलग था, लेकिन उन्होंने इसे ऐसे तरीके से कहा कि सारा सदन उनके साथ हंसी-मजाक में शामिल हो गया. यह एक ऐसा क्षण था, जब संसद के सदस्यों के बीच हल्के-फुल्के संवाद से माहौल में ताजगी आ गई.

अब्दुल रहीम की उपस्थिति में मजेदार मोड़:
यह मजेदार वाकया तब हुआ जब मालदीव के Majlis (संसद) के अध्यक्ष अब्दुल रहीम भारतीय लोकसभा सत्र में शामिल हुए. उनके सामने यह हल्की-फुल्की टिप्पणी की गई, जिसे उन्होंने भी हंसी में लिया. ओम बिरला के जवाब ने न केवल सदन को हल्का किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मेहमान को भी मुस्कुराने का मौका दिया. इस पूरी स्थिति में संसद में एक अनौपचारिक और दोस्ताना माहौल देखने को मिला.

ओम बिरला का शाकाहारी होने का बयान, भाजपा सांसद की मछली पर टिप्पणी और अब्दुल रहीम के सामने हुआ यह मजेदार संवाद भारतीय संसद के सत्र में एक हल्का पल लेकर आया. यह घटना संसद की गंभीर कार्यवाही के बीच एक अनौपचारिक, मजेदार और दोस्ताना माहौल बनाने का उदाहरण है. इसने यह साबित कर दिया कि सदन के बीच में कभी-कभी हास्य और हल्के पल भी संसद की कार्यवाही को और भी प्रभावी बना सकते हैं.