'खाकी वर्दी वालों की नौकरी 3 साल कर देंगे...', आखिर अखिलेश यादव ने क्यों कर दिया ऐसा दावा
यूपी की सियासत में पुलिस आउटसोर्सिंग पर सियासी रार मची हुई है. अखिलेश यादव ने दावा किया है कि अगर ये सत्ता में आए तो पुलिसकर्मियों की नौकरी अग्निवीर स्कीम की तरह कर देंगे. उन्हें सिर्फ 3 साल ही नौकरी करने को मिलेगी. क्या है इस दावे का सच, आइए जानते हैं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बार-बार ये दावा करते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार, अग्निवीर स्कीम की तरह पुलिसकर्मियों के लिए भी एक स्कीम लेकर आएगी. पुलिसकर्मियों की नौकरी आउटसोर्सिंग के जरिए होगी और उन्हें सिर्फ 3 साल की नौकरी मिलेगी. उन्होंने अपने घोषणापत्र तक में इसका जिक्र किया था. इन खबरों को हवा तब मिली, जब पुलिस आउटसोर्सिंग से जुड़ी एक चिट्ठी वायरल हो गई है. अब पुलिस विभाग को बार-बार सफाई देनी पड़ रही है.
दरअसल, यूपी पुलिस की ओर से आउटसोर्सिंग से जुड़ी एक चिट्ठी वायरल हो गई. चिट्ठी में पुलिसकर्मियों की आउटसोर्सिंग का जिक्र किया गया है. कुछ न्यूज चैनल्स पर चल गया कि अब अग्निवीरों की तरह पुलिस में भी अल्पकालिक भर्तियां होगीं, आउटसोर्सिंग के जरिए उन्हें हायर किया जाएगा. सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करते हुए कई पोस्ट भी सामने आए.
क्या सच में आउटसोर्सिंग कर रही है पुलिस?
यह इस हद तक वायरल हो गया कि उन्हें आकर खुद सफाई देनी पड़ी. डीजीपी प्रशांत कुमार को आकर कहना पड़ा कि यह भर्ती चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए भर्ती होनी थी. चपरासी स्तर पर पहले से भी ऐसी ही भर्तियां हो रही थीं, यह गलती से पुलिसकर्मियों की के नाम पर जारी हो गया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सफाई में कहा, 'चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से प्रचलित है. त्रुटिवश चतुर्थ कर्मचारियों के स्थान पर मिनिस्टीरियल स्टॉफ के लिए जारी पत्र को निरस्त कर दिया गया है. इस प्रकार का कोई भी प्रकरण पुलिस विभाग एवं शासन स्तर पर विचाराधीन नही है.'
अखिलेश ने क्यों किया है ऐसा दावा?
अखिलेश यादव रोजगार को लेकर मोदी-योगी सरकार को घेरते रहे हैं. एक अरसे से यूपी में सराकरी नौकरियों की वैकेंसी नहीं निकल रही है. यूपी पुलिस की वैकेंसी निकलती तो पेपर लीक के चलते वह भी निरस्त हो गई. अखिलेश का कहना है कि सरकार नौकरी देने से बच रही है और अग्निवीर स्कीम की तरह पुलिसकर्मियों के लिए भी ऐसा ही कराना चाहता है.
पुलिस आउटसोर्सिंग की चिट्ठी वायरल होते ही योगी सरकार और बुरी तरह घिर गई. लोगों ने कहा कि अगर यह गलती से ही जारी हुआ है तो जारी करने वाले के खिलाफ एक्शन होना चाहिए. वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा है बिना आग के धुआं नहीं उठता. सरकार ऐसा कर भी सकती है.