Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ 2025 के बारे में सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया, जिसके बाद पुलिस ने सात सोशल मीडिया अकाउंट्स पर FIR दर्ज की. यह कदम उन लोगों के खिलाफ उठाया गया है जो गाजीपुर में मिले शवों के पुराने वीडियो को महाकुंभ से जोड़कर झूठी अफवाहें फैला रहे थे.
गाजीपुर के शवों के वीडियो से जुड़ी अफवाह
बता दें कि महाकुंभ मेला 2025 से जुड़ी कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया था कि भगदड़ के दौरान मरे हुए लोग गंगा में तैरते हुए देखे गए. इन पोस्ट्स में दावा किया गया था कि ये शव महाकुंभ में मची भगदड़ के दौरान मरे हुए लोगों के हैं. यूपी पुलिस के सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल ने जांच की तो पाया कि यह वीडियो दरअसल गाजीपुर में 2021 में मिले शवों का था. इस वीडियो को महाकुंभ से जोड़कर झूठी अफवाहें फैलाने की कोशिश की जा रही थी. पुलिस ने तत्काल इस जानकारी को सार्वजनिक कर दिया और इसे झूठा बताते हुए खंडन भी किया.
झूठी अफवाह फैलाने वाले सात अकाउंट्स की पहचान
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही इन अफवाहों के लिए जिम्मेदार सात सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की गई. इन अकाउंट्स के खिलाफ FIR कुंभ मेला कोतवाली में दर्ज की गई है. यूपी पुलिस ने इन अकाउंट्स के संचालकों पर सरकार की छवि को खराब करने और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने बताया कि इस तरह के झूठे पोस्ट्स को फैलाने वालों पर आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर हुई FIR दर्ज
इन सात सोशल मीडिया अकाउंट्स पर FIR दर्ज की गई है:-
सोशल मीडिया पर सच की जांच जरूरी
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया यूज़र्स से अपील की है कि वे किसी भी पोस्ट को साझा करने से पहले उसके दावों की सत्यता की जांच करें. पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह की अफवाहें समाज में अव्यवस्था पैदा कर सकती हैं और इससे बचने के लिए सभी को जिम्मेदाराना तरीके से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहिए.
हालांकि, महाकुंभ 2025 से जुड़ी इस अफवाह के बाद यूपी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है और इस पर कड़ी नजर रखने की बात कही है. सोशल मीडिया पर इस तरह के झूठे प्रचार से न केवल सामाजिक अव्यवस्था फैलती है, बल्कि इससे सरकार की छवि पर भी असर पड़ता है. पुलिस की यह कार्रवाई ऐसे लोगों को एक संदेश देगी कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.