एक्टर से केंद्रीय मंत्री बने सुरेश गोपी ने बुधवार को कहा कि अगर उन्हें केंद्रीय मंत्री पद से हटा दिया जाता है, तो वे खुद को 'बचा हुआ' समझेंगे. उन्होंने कहा कि मेरे पास फिल्मों के 22 प्रोजेक्ट हैं, जिसमें मैं काम करना चाहता हूं. केंद्रीय मंत्री का पद संभालते हुए फिल्मों में काम करना मुश्किल है. उन्होंने इसके लिए अमित शाह से अनुमति मांगी है. एक अपील में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि मैंने फिल्म 'ओट्टाकोम्बन' की शूटिंग शुरू करने की अनुमति मांगी है, लेकिन अभी तक मुझे अनुमति नहीं मिली है.
केरल की त्रिशूर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए सुरेश गोपी को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था और उन्हें केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन मंत्री बनाया गया था. केंद्रीय मंत्री ने अपने फिल्मों में काम करने के जुनून को जिंदा रखने के लिए मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की है. साथ ही उन्होंने फिल्मों में काम करने के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व से अनुमति भी मांगी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं 'ओट्टाकोम्बन' फिल्म में काम करना चाहता हूं, जिसकी शूटिंग 6 सितंबर से शुरू करूंगा.
जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फिल्मों में एक्टिंग करने की अनुमति मांगी तो उनसे पूछा गया कि कितनी फिल्में हैं, जिनमें आप काम करना चाहते हैं? केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन राज्य मंत्री ने कहा कि स्क्रिप्ट सुनने के बाद ऐसी 20-22 फिल्में हैं, जिनमें काम करने की मेरी इच्छा है. मैंने इन फिल्मों में काम करने के लिए अपनी डेट्स भी दे दीं हैं.
केरल फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सुरेश गोपी ने कहा कि अमित शाह ने मेरे अनुरोध पत्र को अलग रख दिया है. लेकिन उन्होंने कहा कि अनुमति दे दी जाएगी. वैसे भी, मैं 6 सितंबर को यहां आऊंगा. उन्होंने कहा कि वह अपने मंत्रालय के कर्तव्यों के निर्वहन में मदद के लिए मंत्रालय से तीन या चार अधिकारियों को अपने साथ लाएंगे और इसके लिए फिल्म सेट पर विशेष व्यवस्था करनी होगी.
सुरेश गोपी ने कहा कि ये सब मैं करना चाहता हूं. इसलिए, अगर वे मुझे इसके लिए हटा देते हैं, तो मैं खुद को बचा हुआ समझूंगा. मैं बस इतना ही कह सकता हूं. गोपी ने कहा कि उन्होंने कभी भी मंत्री बनने की इच्छा नहीं की थी और अब भी नहीं चाहते हैं.
भाजपा सांसद ने कहा कि मैंने उनके (भाजपा शीर्ष नेतृत्व) मुझे मंत्री बनाने के फैसले के आगे सिर झुका दिया, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वे मुझे यह पद त्रिशूर के लोगों के लिए दे रहे हैं, जिन्होंने मुझे सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है, न कि मेरे लिए. मैंने उस फैसले को स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा कि मैं अब भी अपने नेताओं का आदेश मानता हूं और आगे भी मानता रहूंगा. लेकिन अपने जुनून (सिनेमा) के बिना मैं मर जाऊंगा.