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India Daily

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्टारलिंक का भारत में किया स्वागत, कहा-रेलवे परियोजनाओं के लिए होगा मददगार

स्टारलिंक स्पेसएक्स द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा निम्न-पृथ्वी-कक्षा (LEO) समूह है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को भारती एयरटेल ने घोषणा की कि वह स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा को गैर-अनन्य आधार पर भारत में लाने के लिए स्पेसएक्स के साथ एक समझौता कर रही है.भारती पहले से ही दूसरे सबसे बड़े LEO समूह, यूटेलसैट वनवेब के साथ साझेदारी कर रही है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
ashwini vaishnaw
Courtesy: Social Media

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को एलन मस्क की स्टारलिंक का भारत में स्वागत करते हुए कहा कि यह दूरदराज के क्षेत्रों में रेलवे परियोजनाओं के लिए उपयोगी होगी. मंत्री ने एक्स पर लिखा स्टारलिंक, भारत में आपका स्वागत है! दूरदराज के क्षेत्रों की रेलवे परियोजनाओं के लिए यह उपयोगी होगा.

इससे पहले दिन में मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स ने भारत में स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं लाने के लिए एलन मस्क के नेतृत्व वाली एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स के साथ एक समझौते की घोषणा की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी सहयोगी मस्क के साथ यह समझौता, दूरसंचार दिग्गज सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल द्वारा स्पेसएक्स के साथ इसी तरह के साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद हुआ है.

स्टारलिंक स्पेसएक्स द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा निम्न-पृथ्वी-कक्षा (LEO) समूह है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को भारती एयरटेल ने घोषणा की कि वह स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा को गैर-अनन्य आधार पर भारत में लाने के लिए स्पेसएक्स के साथ एक समझौता कर रही है.भारती पहले से ही दूसरे सबसे बड़े LEO समूह, यूटेलसैट वनवेब के साथ साझेदारी कर रही है.

इसी तरह, जियो प्लेटफॉर्म्स का एसईएस के साथ एक संयुक्त उद्यम है जो एक अग्रणी वैश्विक उपग्रह-आधारित सामग्री कनेक्टिविटी समाधान प्रदाता है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जियो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड, जिसमें जियो की 51 प्रतिशत और एसईएस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, बहु-कक्षा अंतरिक्ष नेटवर्क का उपयोग करेगी, जो कि भूस्थिर (जीईओ) और मध्यम पृथ्वी कक्षा (एमईओ) उपग्रह नक्षत्रों का संयोजन है, जो पूरे भारत और पड़ोसी क्षेत्रों में उद्यमों, मोबाइल बैकहॉल और खुदरा ग्राहकों को बहु-गीगाबिट लिंक और क्षमता प्रदान करने में सक्षम है.

स्टारलिंक भारत में स्टारलिंक सेवाए. शुरू करने के लिए विनियामक अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहा है. इसके लिए निर्धारित सुरक्षा मानदंडों को पूरा करना महत्वपूर्ण है. साथ ही, ऐसी कंपनियों को देश में उपग्रह-आधारित आवाज़ और डेटा सेवाए प्रदान करने के लिए भारत सरकार से स्पेक्ट्रम के आवंटन के साथ-साथ सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस और अंतरिक्ष नियामक IN-SPACe की मंज़ूरी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है.