भरे बाजार नीलाम हो रही दाऊद की 'पुश्तैनी कमाई', जानें सरकार ने 4 संपत्तियों की कितनी कीमत लगाई?
एस बालाकृष्णन ने 2015 में डॉन के स्वामित्व वाले एक रेस्तरां के लिए ₹ 4.28 करोड़ की बोली लगाई थी, लेकिन समय पर पैसा जमा नहीं कर पाने के कारण उन्हें संपत्ति गंवानी पड़ी.
Underworld Don Dawood Ibrahim Properties Auction: अंडरवर्ल्ड डॉन और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के परिवार के स्वामित्व वाली जमीन (कृषि भूमि) के चार टुकड़ों की आज यानी शुक्रवार को करीब 19 लाख रुपये के रिजर्व प्राइज (आरक्षित मूल्य) पर बेचा जा रहा है. बताया गया है कि जमीन के ये टुकड़े अंडरवर्ल्ड डॉन की पैतृक संपत्ति हैं और महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के मुंबाके गांव में हैं. हालांकि अभी तक बोली लगाने वालों की संख्या स्पष्ट नहीं है.
जानकारी के मुताबिक, पूर्व में एक वकील और पूर्व शिव सेना सदस्य अजय श्रीवास्तव ने दाऊद की तीन संपत्तियों पर सफलतापूर्वक बोली लगा कर खरीदा था. इन संपत्तियों में मुंबई के गांव में दाऊद का बचपन का घर भी शामिल है, जहां उसका जन्म हुआ था. इसके अलावा 2001 में उन्होंने जिन दुकानों के लिए बोली लगाई थी, वे कानूनी पेंच में फंस गई हैं, हालांकि अजय श्रीवास्तव को उम्मीद है कि 1993 के मुंबई विस्फोटों के मास्टरमाइंड के घर का कॉन्ट्रैक्ट जल्द ही मिल जाएगा. वकील अजय श्रीवास्तव ने कहा कि वह उस स्थान पर एक सनातन पाठशाला (स्कूल) बनाएंगे.
दाऊद के घर वाली जमीन पर जल्द बनेगी सनातन पाठशाला
अजय श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि मैंने साल 2020 में बंगले के लिए बोली लगाई थी. इसके बाद एक सनातन धर्म पाठशाला ट्रस्ट की स्थापना की है और स्कूल का निर्माण जल्द ही शुरू होगा. मैं शुक्रवार को नीलामी में फिर से भाग लूंगा. मैंने साल 2001 की नीलामी में भाग लिया था. आज दाऊद इब्राहिम लोगों के दिलों से बाहर हो चुका है.
बताया गया है कि शुक्रवार की नीलामी मुंबई में जमीन के चार पार्सल (टुकड़ों) के लिए की जा रही है, जिन्हें तस्कर और विदेशी मुद्रा मैनिपुलेटर्स अधिनियम, 1976 के तहत जब्त किया गया था. इन जमीनों का आरक्षित मूल्य 19.22 लाख रुपये निर्धारित किया गया है.
इस नीलामी में तय की गई रकम से नाखुश हैं कुछ लोग
दाऊद की संपत्तियों की साल 2015 की नीलामी में बोली लगाने वालों में से एक शुक्रवार की प्रक्रिया से नाखुश हैं. पूर्व पत्रकार एस बालाकृष्णन ने कहा कि यह हास्यास्पद है. दाऊद के लिए 19 लाख रुपये का कोई मतलब नहीं है. इसलिए ऐसी संपत्तियों की नीलामी के नाम पर वे सरकार का पैसा बर्बाद करते हैं, लेकिन सरकार को यह सब करने की जरूरत क्यों है? उसके पास सारी संपत्ति पर कब्जा करने की शक्ति है. वह इसका मालिक है.
साल 2015 में दाऊद के रेस्तरां की लगी थी 4.28 करोड़ की बोली
बालाकृष्णन ने 2015 में डॉन के स्वामित्व वाले एक रेस्तरां के लिए ₹ 4.28 करोड़ की बोली लगाई थी, लेकिन समय पर पैसा जमा नहीं कर पाने के कारण उन्हें संपत्ति गंवानी पड़ी. ये रेस्तरां पाकमोडिया स्ट्रीट में था, जो मुंबई का एक सेंड्रल एरिया है. पूर्व पत्रकार ने कहा कि उन्होंने दाऊद के आतंक को खत्म करने के लिए रेस्तरां के लिए बोली लगाई थी और अपनी जान जोखिम में डाली, लेकिन सरकार ने पैसे जमा करने की समय सीमा नहीं बढ़ाई.
उन्होंने कहा कि मैं 4 करोड़ जमा करने जा रहा था, क्योंकि मुझे जनता से बहुत समर्थन मिला था. सभी ने कहा था कि वे मेरी मदद करेंगे, लेकिन मेरे पास केवल तीन सप्ताह थे, जिसमें क्रिसमस की छुट्टी भी शामिल थी. मैंने सरकार से मुझे थोड़ा और समय देने का अनुरोध किया.