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अगर UN में घट जाए भारत के मानवाधिकार संगठन का दर्जा तो क्या होगा? समझिए रैंकिंग की ABCD

भारत का मानवाधिकार संगठन की रैंकिंग पर GANHRI की नजर है. NCHRC की कार्यप्रणाली पर कुछ सवाल उठे हैं, जिसके बाद भारत के स्टेटस में बदलाव आ सकता है.

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Edited By: India Daily Live
United Nations

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मानवाधिकार शाखा की नजर है. संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था, NHRC के स्टेटस को लेकर मंथन कर रही है. मानवाधिकार संगठन के 'A' स्टेटस को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रेटिंग साल 2023 में रोक दी गई थी. आयोग की संरचना, नियुक्ति की प्रक्रिया, पुलिसकर्मियों की मौजूदगी, महिला और अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व को लेकर यह फैसला लिया गया था.

संयुक्त राष्ट्र ऐसे में NHRC को A या B स्टेटस का दर्जा दे सकता है. अगर भारत को B रेटिंग मिलती है तो इसका मतलब है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के वोटिंग क्षमताओं पर भी असर पड़ सकता है.

संयुक्त राष्ट्र की सब कमेटी एक्रिडिशन (SCA) तय करने वाली संस्था ग्लोबल एलायंस ऑफ नेशनल ह्युमन राइट्स इंस्टीट्यूशन्स (GANHRI) की बैठक 1 मई को होने वाली है. द हिंदू की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 114 सदस्यों की स्थिति पर हर 5 साल में एक बार इसे लेकर चर्चा होती है.

NHRC के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा, बीते साल जिनेवा गए थे. वे GANHI SCA की  बैठक में शामिल हुए थे. अब ऑनलाइन ही बुधवार को इस पर एक अहम बैठक होगी. विदेश मंत्रालय (MEA) कई देशों के साथ बात करेगा क्योंकि रिव्यू प्रक्रिया में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. अब अगर भारत की रैंकिंग घटती है तो क्या होगा, आइए जानते हैं. 
 
Accreditation स्टेटस का क्या पड़ता है फर्क?


जिन देशों को ह्युमन राइट्स काउंसिल में 'A स्टेटस' मिलता है तो मतलब साफ है कि आपके देश का मानवाधिकार संगठन, सही दिशा में काम कर रहा है. ऐसे सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ज्यादा ताकत मिलती है, वे GANHRI की स्थाई सदस्यता पाने के काबिल होते हैं, उनके पास पद और वोटिंग का अधिकार भी मजबूत होता है.

अगर किसी देश को को 'B स्टेटस' मिला है तो इसका मतलब है ऐसे देश GANHRI की बैठकों में तो शामिल हो सकते हैं लेकिन न तो उन्हें अहम पद मिल सकता है, न ही वोटिंग का अधिकार मिल सकता है. ऐसे में भारत पूरा जोर लगाएगा कि उसकी रैंकिंग किसी भी हाल में प्रभावित न हो.