UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा में समान नागरिकता संहिता पेश किया. विधेयक पेश किए जाने के बाद सदन में सरकार इस पर अब चर्चा करेगी और फिर इसे राज्य में लागू किया जाएगा. विधेयक पेश किए जाने के बाद से तमाम राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कई राजनीतिक दल इसे बेहतर बता रहे हैं तो वहीं, कुछ ऐसे भी दल हैं जिन्होंने UCC पर नाराजगी जताई है. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन की भी एंट्री हो गई है. एसटी हसन ने कहा है कि मुसलमानों में तो दो शादियां सबसे कम हो रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि यह परसेंटेज हिंदुओं में ज्यादा है.
समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने एक से ज्यादा शादी करने के सवाल पर कहा कि अगर किसी महिला के बच्चे नहीं हो रहे होते हैं, किसी की बीवी बीमार है या फिर भ्रष्ट है तो वह पहली बीवी की इजाजत लेकर दूसरी शादी कर लेता है तो इसमें क्या दिक्कत है. उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिमों में दो शादियां कम हो रही हैं, दो शादियों का परसेंटेज हिंदुओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है.
मीडिया से बातचीत के दौरान सांसद एसटी हसन ने लिव-इन रिलेशनशिप कानून पर आपत्ति जताई है. उन्होंने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आपने तो बेशर्मी की हद पार कर दी हैं. एक के साथ रहें या दस के साथ इसको आपने कानूनी दर्जा दे दिया है, फिर सरकार ही बताए कि दो शादी ना करने के कानून का क्या अस्तित्व है?
सांसद एसटी हसन ने आगे कहा कि चाहें जितने भी कानून ले आए हम वही करेंगे जो कुरान शरीफ में लिखा है. उन्होंने आगे कहा कि हमें मालूम है कि आप ये कानून क्यों ला रहे हैं. वोट पाने की राजनीति के चलते लोकसभा चुनाव से पहले ये कानून लाने की क्या जरूरत है. ये कानून सिर्फ हिंदू-मुसलमान को लड़ाने के लिए लाया जा रहा है. हम इस कानून को नहीं मानेंगे, हम केवल कुरान में लिखी बातों को मानेंगे.