उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर विवाद: कांग्रेस ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने और गुजरात में इसको लेकर एक समिति के गठन का हवाला देते हुए कहा कि यह देश को स्थायी तौर पर ध्रुवीकरण की स्थिति में रखने के लिए बनाया गया राजनीतिक साधन नहीं बन सकता.
कांग्रेस के आरोप: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को जबरन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विभाजनकारी एजेंडे के एक अभिन्न हिस्से के रूप में लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह से कानूनी सुधार का साधन नहीं है, क्योंकि इसमें पिछले दशक में पारिवारिक कानून को लेकर उठाई गई वास्तविक चिंताओं का कोई समाधान नहीं दिया गया है.
विधि आयोग की रिपोर्ट: रमेश ने कहा कि 21वें विधि आयोग ने 31 अगस्त, 2018 को प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वर्तमान समय में समान नागरिक संहिता न तो आवश्यक है और न ही उसकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी भाजपा सरकार ने इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला किया है.
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