जम्मू-कश्मीर में गरमाया चुनावी माहौल, SSP मोहन लाल कैथ ने दिया इस्तीफा, चुनाव लड़ने की तैयारी
Jammu Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर में चुनाव का ऐलान जल्द ही हो सकता है. चुनाव आयोग की टीम इस केंद्र शासित प्रदेश के दौरे पर है और वहां राजनीतिक गतिविधियां भी बढ़ गए हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो SSP ने सर्विस से इस्तीफा देकर राजनीति में एंट्री करने का मन बना लिया है. मोहन लाल और मोहन लाल कैथ बीजेपी में शामिल होकर विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का माहौल बनने लगा है. आज चुनाव आयोग की टीम ने भी जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है. वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात मोहन लाल कैथ ने अपने पद और सेवा से इस्तीफा दे दिया है. चर्चाएं हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर चुनाव में उतर सकते हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी उनके नाम पर विचार भी कर रही है कि और उन्हें मढ़ की आरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है.
मोहन लाल कैथ कश्मीर पुलिस सेवा (केपीएस) के 2003 बैच के अधिकारी रहे हैं. अब वह बीजेपी के जरिए अपने राजनीतिक करियर की तैयारी कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी उन्हें मढ़ सीट से लड़वा सकती है जो कि अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. बीजेपी की रणनीति यह है कि विभिन्न पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर चुनावी लाभ प्राप्त किया जाए और मोहन ला कैथ की उम्मीदवारी इस रणनीति के अनुरूप प्रतीत होती है.
क्या है बीजेपी का प्लान?
मढ़ विधानसभा सीट बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी एससी मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. मोहन लाल कैथ के पास स्थानीय मुद्दों को लेकर गहरी समझ और अनुभव है, जिससे उनकी उम्मीदवारी इस क्षेत्र में बीजेपी की संभावनाओं को बढ़ा सकती है. उनके प्रशासनिक अनुभव का उपयोग करके बीजेपी मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश करेगी.
कैथ का इस्तीफा इस व्यापक बदलाव का संकेत है जो प्रशासनिक और राजनीतिक भूमिकाओं के बीच की सीमाओं को धुंधला करता है. इससे राजनीतिक पर्यवेक्षकों और जनता के बीच में अटकलें और उत्सुकता बढ़ गई है, जो चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है. कैथ की नई भूमिका और बीजेपी की रणनीति पर बारीकी से नज़र रखी जाएगी.
एक और मोहन का इस्तीफा
मोहन लाल कैथ से पहले 1999 बैच के KPS अधिकारी मोहन लाल भी सेवा से इस्तीफा दे चुके हैं. चर्चाएं हैं कि वह भी बीजेपी में शामिल होंगे और बीजेपी उन्हें अखनूर की सुरक्षित सीट से चुनाव भी लड़ा सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी की जानी है. इसके बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि चुनाव तय समयसीमा में ही होंगे.