अमेरिका में नई आव्रजन नीतियों ने H-1B वीजा धारकों और अन्य प्रवासियों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं. अब सभी गैर-नागरिकों, जिनमें वैध रूप से पढ़ाई या काम करने वाले लोग शामिल हैं, को हर समय अपने दस्तावेज साथ रखने होंगे. शुक्रवार को जारी एक बयान में, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने कहा, "18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी गैर-नागरिकों को यह दस्तावेज हर समय साथ रखना होगा. यह प्रशासन ने DHS को प्रवर्तन को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है. आदेश ना मानने पर किसी भी विदेशी नागरिक के साथ किसी भी तरह की रियायत नहीं बरती जाएगी.
ट्रंप प्रशासन का नया आदेश
यह नोटिफिकेशन एक अमेरिकी जिला जज के उस आदेश के साथ आई है, जिसमें ट्रंप प्रशासन को अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले सभी लोगों को संघीय सरकार के साथ पंजीकरण करने और दस्तावेज साथ रखने की आवश्यकता को लागू करने की अनुमति दी गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों ने वैध वीजा, ग्रीन कार्ड, रोजगार प्राधिकरण दस्तावेज, बॉर्डर क्रॉसिंग कार्ड या I-94 प्रवेश रिकॉर्ड के साथ अमेरिका में प्रवेश किया, वे पहले से ही पंजीकृत हैं और इस प्रक्रिया से प्रभावित नहीं होंगे. हालांकि, H-1B वीजा धारक भारतीय कर्मचारी या अंतरराष्ट्रीय छात्र, जिनमें अधिकांश भारतीय हैं, को हर समय दस्तावेज साथ रखने होंगे.
बच्चों के लिए भी नियम
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि प्रवासियों के बच्चों को अपने 14वें जन्मदिन के 30 दिनों के भीतर दोबारा पंजीकरण कराना होगा और अपनी उंगलियों के निशान जमा करने होंगे. यह नियम सभी गैर-नागरिक परिवारों पर लागू होगा.
कानूनी चुनौतियां और आलोचना
रॉयटर्स के अनुसार, वाशिंगटन में जिला जज ट्रेवर मैकफैडन, जिन्हें ट्रंप के पहले कार्यकाल में नियुक्त किया गया था, ने कहा कि DHS नियम को चुनौती देने वाले समूह, जैसे कोएलिशन फॉर ह्यूमेन इमिग्रेंट राइट्स और यूनाइटेड फार्म वर्कर्स ऑफ अमेरिका, यह साबित करने में विफल रहे कि उनके पास मुकदमा दायर करने का अधिकार है.
उन्होंने लिखा, "संगठनों के रूप में, उनके कई नुकसान बहुत काल्पनिक हैं, और उन्होंने यह नहीं दिखाया कि यह नियम उनकी मुख्य मिशन को कमजोर करेगा." नेशनल इमिग्रेशन लॉ सेंटर के डिप्टी लिगल डायरेक्टर निकोलस एस्पिरिटु ने इस फैसले को "निराशाजनक" बताया और कहा, "यह लोगों को एक असंभव विकल्प में डालेगा - या तो पंजीकरण करें और तत्काल निर्वासन का जोखिम उठाएं, या मना करें और दंड का सामना करें." अमेरिका की यह नई नीति H-1B वीजा धारकों और अन्य प्रवासियों के लिए जीवन को और जटिल बना सकती है. विशेष रूप से भारतीय पेशेवरों और छात्रों को अब और सतर्क रहना होगा.