कोलकाता आरजी कर सरकारी अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है, उधर सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है. वहीं इस बीच एक और खबर सामने आ रही है जो यहां के पुलिस और कानून व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़ा करती है. दरअसल विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा रही ट्रांसवुमन के समूह ने आरोप लगाया है कि रवींद्र सदन मेट्रो स्टेशन पर आरपीएफ कांस्टेबल ने उनके लिंग की जांच करने के लिए उन्हें छुआ.
वहीं मामला हाईलाइट होने पर आरपीएफ और मेट्रो रेलवे ने इन आरोपों से इनकार किया है और ट्रांसवुमन के खिलाफ नारे लगाने और शांति भंग करने का प्रयास करने के आरोप लगाते हुए एक जवाबी प्राथमिकी दर्ज करा दी. यह घटना शुक्रवार शाम को हुई जब तीन ट्रांसवुमन एकेडमी ऑफ फाइन आर्टेस के पास समुदाय द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद रवींद्र सदन मेट्रो स्टेशन पहुंची और श्यामबाजार तक की टिकट खरीदी. उनमें से दो को प्लेटफार्म पर प्रवेश की अनुमति दी गई, जबकि तीसरी 27 वर्षीय कस्बा निवासी को कथित तौर पर एक आरपीएफ कांस्टेबल ने रोक दिया.
27 साल की युवती ने कहा, 'मैंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि मैं आतंकवादी नहीं हूं और वह मेरा बैग चेक कर सकता है. लेकिन अचानक कांस्टेबल ने मेरा लिंग जांच ने के लिए स्तन को छुआ और एक भद्दी टिप्पणी की कि वह जांच कर रहा है यह असली है या नकली. इससे मैं स्तब्ध और अपमानित हूं.'