Exit Poll Result 2024: जम्मू-कश्मीर के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े आने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. हालांकि, तीन पोलस्टर - दैनिक भास्कर, इंडिया टुडे - सी वोटर और पीपल्स पल्स - नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को कम से कम 35 सीटें मिलने का अनुमान लगाते हुए बढ़त दे रहे हैं. बीजेपी को कम से कम 20 सीटें मिलने की उम्मीद है और पीडीपी को 4-7 सीटें मिलने की उम्मीद है.
जम्मू-कश्मीर के लिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहला चुनाव है, जिसने पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चुनावी लड़ाई लड़ी, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा.
तीन चरणों में हुए चुनावों में कुल मतदान प्रतिशत 63.45% रहा, जो 2014 के 65.8% से थोड़ा कम है. 1 अक्टूबर को हुए तीसरे चरण में 68.72% मतदान हुआ, जबकि दूसरे चरण में 57.31% मतदान हुआ, जो पहले चरण के 61.38% मतदान से कम है. पारंपरिक बहिष्कार के गढ़ सोपोर और बारामुल्ला में पिछले 30 सालों में विधानसभा चुनावों में सबसे ज़्यादा मतदान हुआ.
क्या कहता है एग्जिट पोल?
एनडीटीवी पोल ऑफ पोल्स के अनुसार, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को कम से कम 43 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि भाजपा को 27 सीटें और पीडीपी को 8 सीटें मिलने की संभावना है. अनुमान के अनुसार छोटी पार्टियों को 18 सीटें मिल सकती हैं.
पीपुल्स पल्स के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए 46-50 सीटें हासिल कर सकता है. इसके बाद भाजपा को 23-27 सीटें मिलने की उम्मीद है. पीडीपी को 7-11 सीटें मिलने की उम्मीद है.
इंडिया टुडे-सी वोटर पोलस्टर के अनुसार, जम्मू क्षेत्र में भाजपा को सबसे अधिक 41 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है, जिसके साथ 27-31 सीटें मिलने की उम्मीद है. इसके बाद एनसी-कांग्रेस गठबंधन को 37 प्रतिशत (11-15 सीटें) और पीडीपी को 4 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है (0-2 सीटें).
2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी, जबकि नतीजे ने भाजपा , एनसी और कांग्रेस से आगे पीडीपी को बढ़त दी थी. सीवोटर एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि तत्कालीन 87 सदस्यीय सदन में कोई भी पार्टी 44 सीटों के बहुमत के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगी.