जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया. बाइसारन के हरे-भरे मैदान, जो पर्यटकों के लिए स्वर्ग समान है, उसमें आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की. उन्होंने पर्यटकों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और फिर पुरुषों को सिर में गोली मार दी. इस हमले में करीब 28 लोग मारे गए, जिनमें 14 राज्यों के पर्यटक और दो विदेशी नागरिक शामिल थे. बता दें कि, यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी का सबसे घातक हमला है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले पर चर्चा के लिए सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की अहम बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल मौजूद थे. इस दौरान डोवाल ने पीएम मोदी को जमीनी स्थिति की विस्तृत जानकारी दी. वहीं, गृहमंत्री अमित शाह, जो उस दिन श्रीनगर में थे, दिल्ली पहुंचकर बैठक में शामिल हुए. पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा छोटा कर दिल्ली लौटकर इस संकट पर तत्काल ध्यान दिया.
केंद्र की मोदी सरकार का कड़ा रुख
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए चेतावनी दी, “मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि भारत सरकार हर जरूरी और उचित कदम उठाएगी. हम न केवल इस घटना के दोषियों को पकड़ेंगे, बल्कि उन लोगों तक भी पहुंचेंगे, जो पर्दे के पीछे से ऐसी नापाक साजिश रचते हैं. पीएम मोदी ने भी हमले की कड़ी निंदा की और एक्स पर भावुक पोस्ट में कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे के लोग बख्शे नहीं जाएंगे... उनका दुष्ट एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अटूट है.
भारत की जवाबी कार्रवाई का इतिहास
बता दें कि, उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले किए थे. इस बीच भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हमने स्पष्ट कर दिया है कि अगर आप यहां कुछ करते हैं, चाहे आप नियंत्रण रेखा के पार हों या अंतरराष्ट्रीय सीमा के, हम आपको वहां भी ढूंढ लेंगे.