कृषि क्षेत्र के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मोदी कैबिनेट ने सोमवार को 13,966 करोड़ रुपए के 7 प्रमुख कृषि कार्यक्रमों को मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल कृषि मिशन से लेकर फसल विज्ञान तक की ये पहल देश के किसानों की आजीविका में सुधार लाने के लिए बनाई गई हैं.
कैबिनेट मीटिंग के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा, 'कैबिनेट ने किसानों की आजीविका में सुधार के लिए 13,966 करोड़ रुपए के कार्यक्रमों को मंजूरी दी है. राज्य इन योजनाओं को प्रभावी रूप से किसानों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.'
उन्होंने कहा कि इस पूरे पैकेज का उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाना और किसानों का दीर्घ-कालिक कल्याण सुनिश्चित करना है. इन योजनाओं के लागू होने के बाद किसानों की खेती के तरीकों में महत्वपूर्ण सुधार आने और उत्पादन क्षमता बढ़ने की उम्मीद है. इन स्कीमों से संपूर्ण भारत के लाखों किसानों की आजीविका में भी सुधार होगा.
किन-किन कार्यक्रमों को मिली मंजूरी...
डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission)
केंद्र सरकार ने 2,817 करोड़ रुपए के डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन को मंजूरी दी है. इस प्रोग्राम का उद्देश्य आधुनिक तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बिग डाटा, जियोस्पाटियल डाटा के समावेशन से किसानों के खेती करने के तरीकों में सुधार करना है ताकि उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सके.
इस मिशन के तहत किसानों और उनकी खेती का व्यापक ब्योरा तैयार करना है जिसमें किसानों की रजिस्ट्री, गांव के नक्शे की रजिस्ट्री, बोई गई फसल की रजिस्ट्री शामिल है. इसके अलावा कृषि निर्णय सहायता प्रणाली मौसम और सेटेलाइट डेटा और ग्राउंड वाटर की जानकारी देने के साथ-साथ फसल की उपज और उसके बीमा के लिए एक मॉडल तैयार करना है.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने कृषि के लिए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मंजूरी दी है जो किसानों के जीवन स्तर में सुधार के लिए तकनीक के इस्तेमाल को समर्थ बनाएगा.
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए फसल विज्ञान (Crop Science for Food and Nutritional Security)
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और 2047 तक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 3,979 करोड़ रुपए के फसल विज्ञान कार्यक्रम को मंजूरी दी है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में रिसर्च, शिक्षा, प्लांट जेनेटिक रिसोर्स मैनेजमेंट और भोजन और चारे की फसलों में सुधार लाना है. इसके अलावा इस कार्यक्रम में कीटों, रोगाणुओं और परागकणों पर शोध शामिल है जो टिकाऊ खेती के लिए महत्वपूर्ण हैं.
कृषि शिक्षा को मजबूत करना (Strengthening Agricultural Education)
कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2,291 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है. इस प्रोग्राम को नई शिक्षा नीति 2020 के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत क्रियान्वित किया जाएगा. इस कार्यक्रम के तहत छात्रों और रिसर्चरों को कृषि क्षेत्र में आ रहीं चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी कौशल से लैस करना है.
सतत पशुधन स्वास्थ्य एवं उत्पादन (Sustainable Livestock Health and Production)
कैबिनेट ने पशुधन के सतत स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य पशुधन और डेयरी उत्पादन में सुधार कर किसानों की आय को बढ़ाना है जिसमें पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, पशु चिकित्सा शिक्षा और डेयरी उत्पादन प्रौद्योगिकी के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
बागवानी का विकास (Development of Horticulture)
बागवानी के विकास के लिए 860 करोड़ मंजूर किए गए हैं. इस कार्यक्रम के तहत उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण फसलों के साथ-साथ बागान, मसाले और औषधीय पौधों सहित विभिन्न बागवानी फसलों से किसानों की आय में वृद्धि करना है.
कृषि विज्ञान केंद्र एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (Krishi Vigyan Kendra and Natural Resource Management)
कैबिनेट ने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के सशक्तिकरण के लिए 1,202 करोड़ और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए 1,115 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि अनुसंधान, शिक्षा और टिकाऊ संसाधनों को बढ़ाना है.