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India Daily

बैन करो मांसाहारी खाना... ‘बिहारी बाबू’ शत्रुघ्न सिन्हा ने UCC को क्यों बताया देश की जरूरत?

शत्रुघ्न सिन्हा ने मांसाहारी भोजन पर बैन और UCC को लेकर अपना बयान दिया है, लेकिन यह साफ है कि वह इन मुद्दों पर चर्चा करने और व्यापक निर्णय लेने के पक्ष में हैं. UCC के मसले पर उनका कहना है कि यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा न बनकर एक गहन विचार-विमर्श का विषय होना चाहिए.

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Edited By: Babli Rautela
Shatrughan Sinha
Courtesy: Social Media

Shatrughan Sinha: TMC सांसद और बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा, जो अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने एक बार फिर से मांसाहारी भोजन और समान नागरिक संहिता (UCC) पर बड़ा बयान दिया है. शत्रुघ्न सिन्हा ने कल मंगलवार को कहा कि भारत में मांसाहारी खाने पर बैन लगाना चाहिए. उन्होंने खास तौर से बीफ पर बैन लगाने के बजाय पूरे मांसाहारी भोजन पर बैन की बात की. उनका कहना था कि भारत में कई जगहों पर बीफ पर बैन है, लेकिन कुछ जगहों पर यह खुलेआम बिकता है, जैसे कि नॉर्थईस्ट में इसे खाने में कोई दिक्कत नहीं है, जबकि नॉर्थ इंडिया में यह बैन है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने UCC को किया सपोर्ट

शत्रुघ्न सिन्हा ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने का सपोर्ट किया है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इसे लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर भी बात की है. उनका मानना है कि भारत में क्षेत्रीय मतभेदों और अलग अलग सांस्कृतिक परंपराओं के कारण UCC को लागू करना मुश्किल हो सकता है. उन्होंने उत्तराखंड में UCC के सफल क्रियान्वयन की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इस पर राजनीति से अलग हटकर सर्वदलीय चर्चा करनी चाहिए ताकि एक मजबूत और सर्वमान्य निर्णय लिया जा सके. 

गुजरात में UCC के लिए कमेटी का गठन

गुजरात में भी UCC को लेकर कदम बढ़ाए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है, जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना देसाई करेंगी. इस कमेटी का काम UCC की आवश्यकता का आकलन करना और उसका मसौदा तैयार करना होगा. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि यह कमेटी 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके बाद UCC के कार्यान्वयन पर निर्णय लिया जाएगा.

इस कमेटी में दूसरे सदस्य भी शामिल हैं, जिनमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति शामिल हैं.