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India Daily

'जमींदारी मानसिकता...', कांग्रेस को चार राज्यों में मिली हार के बाद TMC का निशाना

भाजपा ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मौजूद कांग्रेस सरकार को विधानसभा चुनाव में उखाड़ फेंका. साथ ही कांग्रेस मध्य प्रदेश में भी भाजपा को चुनौती देने में विफल रही. 

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Edited By: Om Pratap
TMC dig at Congress after defeat in four states

हाइलाइट्स

  • टीएमसी ने कहा- ममता ने दिया सुझाव, कांग्रेस ने किया नजरअंदाज
  • कांग्रेस को I.N.D.I.A के साथियों को भरोसे में लेना चाहिए: कुणाल घोष

TMC dig at Congress after defeat in four states: कांग्रेस को चार राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम) में मिली हार के बाद टीएमसी ने तंज कसा है. हार के बाद तृणमूल मुखपत्र 'जागो बांग्ला' ने कटाक्ष किया और अपने संपादकीय में कांग्रेस पर भाजपा के खिलाफ 'जमींदारी मानसिकता' से चुनाव लड़ने का आरोप लगाया.

टीएमसी मुखपत्र ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में अपनी हार के कारणों का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मुद्दों को समझना चाहिए. रविवार को टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि चार राज्यों में देश की सबसे पुरानी पार्टी को मिली हार उसकी अपनी विफलता है, न कि भाजपा की जीत.

कहा- ममता ने दिया सुझाव, कांग्रेस ने किया नजरअंदाज

कुणाल घोष ने कहा कि कांग्रेस जमींदारी मानसिकता से लड़ रही है और उन्हें ऐसा करना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी (बनर्जी) ने इंडिया ब्लॉक को आगे बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव दिया था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें न माना, न लागू किया. कुणाल ने ये भी कहा कि चार राज्यों में कांग्रेस को मिली हार के बाद I.N.D.I.A गठबंधन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

घोष ने कहा कि कांग्रेस अकेले विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, उसकी ये इच्छा ही कांग्रेस को ले डूबी. अभी भी समय है. उन्हें (कांग्रेस) अपनी सभी समस्याओं को ठीक करना चाहिए और लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक को मजबूत करना चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो इससे गठबंधन को नुकसान होगा.

घोष बोले- रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए I.N.D.I.A को भरोसे में लेना चाहिए

घोष ने कहा कि कांग्रेस को रणनीतियों को अंतिम रूप देते समय I.N.D.I.A गठबंधन के सभी साथियों को विश्वास में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को भरोसे में लेने से गठबंधन को एकजुट मोर्चा बनाने और आम चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी.

बता दें कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मौजूद कांग्रेस सरकार को विधानसभा चुनाव में उखाड़ फेंका. साथ ही कांग्रेस मध्य प्रदेश में भी भाजपा को चुनौती देने में विफल रही. कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में 90 में से 35 सीटें, राजस्थान में 199 में से 69 सीटें और मध्य प्रदेश में 230 में से 66 सीटें मिलीं. मिजोरम में तो कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर सिमट गयी. हालांकि, तेलंगाना में कांग्रेस ने के चन्द्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को हरा दिया और 119 विधानसभा सीटों में से 64 सीटें जीत लीं.