'दिल्ली के जमींदारों को खुश नहीं करेंगे...; न चैनलों पर अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजेंगी ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने तीन चैनलों पर बंगाल विरोधी दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए टीवी चैनलों पर अपने प्रवक्ता ना भेजने का ऐलान किया है. टीएमसी ने कहा कि सारे टीवी चैनल बांग्ला विरोधी है और दिल्ली के जमींदारों का प्रोपेगेंडा चलाते हैं.

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले को लेकर आलोचनाओं में घिरी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीन चैनलों पर बंगाल विरोधी दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए टीवी चैनलों पर अपने प्रवक्ता ना भेजने का ऐलान किया है. टीएमसी ने ABP आनंदा, रिपब्लिक और टीवी9 जैसे चैनलों पर अपने प्रवक्ता ना भेजने का ऐलान किया है. टीएमसी ने कहा कि सारे टीवी चैनल बांग्ला विरोधी है और दिल्ली के जमींदारों का प्रोपेगेंडा चलाते हैं. इसको लेकर टीएमसी ने सोशल मीडिया पर एक प्रेस रिलीज जारी की है

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से अब राज्य सरकार की विफलता का जवाब देते नहीं बन रहा है. यहां पार्टी आरजी के मामले में बुरी तरह से घिरी हुई है. वहीं अब चैनलों पर प्रवक्ता ना भेजने के फैसले पर पार्टी ने कहा, 'AITC ने ABP आनंद, रिपब्लिक और टीवी9 जैसे मीडिया चैनलों पर अपने प्रवक्ताओं को ना भेजने का फैसला लिया गया है क्योंकि वे लगातार बंगाल विरोधी एजेंडे चला रहे है. हम दिल्ली के जमींदारों को खुश करने की उनकी मजबूरी को समझते हैं क्योंकि उनके प्रमोटर और कंपनियों पर जांच के मामले चल रहे हैं'.

TMC सरकार ने किया न्यूज चैनलों का विरोध 

आगे टीएमसी ने लिखा, 'हम यह भी साफ कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे इन प्लेटफार्म पर बहसों में पार्टी समर्थक दिखाए जाने वाले लोगों से भी गुमराह न हों. यह लोग पार्टी स्वर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और हमारे आधिकारिक रवैये का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.'

'टीएमसी हमेशा तानाशाही करती रही है..'

वहीं भाजपा ने भी ममता बनर्जी की पार्टी के इस फैसले पर कटाक्ष करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर बंगाल भाजपा ने लिखा, 'टीएमसी हमेशा तानाशाही करती रही है और अभिव्यक्ति की आजादी का विरोध करती रही है, पश्चिम बंगाल में तीन लोकप्रिय समाचार चैनलों- टीवी9, रिपब्लिक और एबीपी आनंदा का बहिष्कार करने का उनका फैसला हमारी बात सिद्ध करता है.'

प्रश्नों के घेरे में TMC सरकार

बता दें कि TMC ने यह फैसला कानून-व्यवस्था और अन्य मोर्चे पर बंगाल सरकार की विफलता पर प्रश्न उठाए जाने के बाद लिया है. अगस्त महीने में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में एक महिला डॉक्टर से रेप हत्या का मामला सामने आने के बाद से TMC सरकार प्रश्नों के घेरे में आ गई है.