Tiger caught in Jim Corbett: उत्तराखंड के कॉर्बेट बाघ अभयारण्य की ढेला रेंज में स्थित सांवल्दे गांव में आतंक का पर्याय बने बाघ को आखिरकार पकड़ लिया गया है.
इस बाघ ने हाल ही में दो ग्रामीणों पर हमला किया था, जिनमें से एक की मौत हो गई थी, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल था और वे बाघ को पकड़ने की मांग कर रहे थे.
वन विभाग की सफलता
अभयारण्य के निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए वन कर्मचारियों की एक टीम का गठन किया गया था. टीम ने रविवार देर शाम बाघ को बेहोश करके पकड़ लिया. बाघ को फिलहाल पिंजरे में नजदीकी रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है, जहां उसकी चिकित्सकीय जांच की जा रही है.
बाघ के हमलों का सिलसिला
यह बाघ पिछले कुछ समय से ग्रामीणों के लिए खतरा बना हुआ था। पिछले माह की 9 तारीख को इसने कॉर्बेट के जंगलों में प्रेम सिंह नाम के एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया था, जिसकी बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई. इसके बाद 13 फरवरी को जंगल में गश्त पर गयी टीम के सदस्य गोविंद पंवार को बाघ ने हमला कर घायल कर दिया था. पंवार का फिलहाल उपचार किया जा रहा है.
ग्रामीणों का आंदोलन
बाघ के हमलों से गुस्साए सांवल्दे के ग्रामीण पिछले एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे थे. उनकी मांग थी कि बाघ से तत्काल निजात दिलाई जाए। ग्रामीणों ने सांवल्दे में मुख्य मार्ग को भी बंद कर दिया था. हालांकि, बाद में कॉर्बेट प्रशासन ने कोतवाली रामनगर में आंदोलनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई.
बाघ-मानव संघर्ष
बाघ-मानव संघर्ष की अधिकांश घटनाएं जंगल में होती हैं, जहां ग्रामीण अपने मवेशियों के लिए चारा लेने जाते हैं और बाघ से अचानक आमना-सामना हो जाने से अप्रिय घटना हो जाती है. इस घटना के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल में अकेले न जाने की सलाह दी है. अभयारण्य के निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि बाघ को भविष्य में कहां रखा जाएगा, इसका निर्धारण प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के निर्देशों के आधार पर किया जाएगा.