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मुंबई में कुणाल कामरा के खिलाफ तीन और केस दर्ज, एकनाथ शिंदे पर मजाक ने खड़ी की मुसीबत

Kunal Kamra Controversy: एकनाथ शिंदे पर विवादित टिप्पणी करने के कारण स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि मद्रास हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है.

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Edited By: Ritu Sharma
Kunal Kamra and Eknath Shinde Row
Courtesy: Social Media

Kunal Kamra and Eknath Shinde Row: स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर किए गए व्यंग्य के कारण उनके खिलाफ तीन और नए मामले दर्ज किए गए हैं. यह मामले पश्चिम मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

तीन अलग-अलग शिकायतें दर्ज

मुंबई पुलिस के मुताबिक, तीन अलग-अलग लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है-

  • पहली शिकायत जलगांव के मेयर द्वारा दर्ज कराई गई.
  • दूसरी शिकायत नासिक के एक होटल व्यवसायी ने दी.
  • तीसरी शिकायत एक अन्य व्यवसायी द्वारा की गई.

इससे पहले भी कामरा को खार पुलिस ने दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह अब तक पेश नहीं हुए हैं। अब तीसरी बार उन्हें 31 मार्च को पेश होने का समन जारी किया गया है.

मद्रास हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत

बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय ने कुणाल कामरा को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अंतरिम अग्रिम जमानत दी है. न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने 7 अप्रैल तक अंतरिम राहत प्रदान करते हुए कुछ शर्तें भी रखी हैं. वहीं कामरा ने हाईकोर्ट में अर्जी दी थी कि उन्हें उनकी हालिया व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के कारण कई धमकियां मिल रही हैं, इसलिए उन्हें ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी जाए.

क्या है पूरा विवाद?

बताते चले कि कुणाल कामरा ने अपने स्टैंड-अप कॉमेडी शो में महाराष्ट्र की राजनीति पर कटाक्ष किया था. उन्होंने शिवसेना और एनसीपी के बंटवारे का जिक्र करते हुए एकनाथ शिंदे पर तंज कसा और 'गद्दार' शब्द का इस्तेमाल किया. इसके बाद शिंदे समर्थक नाराज हो गए और मुंबई में उस स्थान पर तोड़फोड़ कर दी जहां यह एक्ट शूट किया गया था. इतना ही नहीं, कामरा को 'स्वतंत्र रूप से न घूमने' की धमकी भी दी गई.

क्या आगे होगा?

बहरहाल, कुणाल कामरा को 31 मार्च तक पुलिस के सामने पेश होना होगा. अगर वह पेश नहीं होते हैं, तो पुलिस कठोर कार्रवाई कर सकती है. वहीं, उनके समर्थकों का कहना है कि कॉमेडी में अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए.