menu-icon
India Daily

जयपुर के कई अस्पतालों को बम से उड़ाने की धमकी, निशाने पर कई बड़े हॉस्पिटल, एक्शन में पुलिस

जयपुर के कई अस्पतालों को बम से उड़ाने की धमकी मिली. धमकी ईमेल के द्वारा दिए गए. ईमेल भेजने वाले ने दावा किया कि अस्पताल के बिस्तरों के नीचे और बाथरूम में बम रखे गए हैं.  यह घटना शनिवार को हरियाणा के गुरुग्राम में एंबियंस मॉल में बम की धमकी मिलने के एक दिन बाद हुई है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
jaipur ck birla hospital
Courtesy: Social Media

रविवार को जयपुर के कई अस्पतालों को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली. बम से उड़ाने की धमकी पाने वाले अस्पतालों में सीके बिड़ला अस्पताल और मोनिलेक अस्पताल शामिल हैं. ये ईमेल सुबह करीब 7 बजे मिले. पुलिस अधिकारियों और बम निरोधक दस्ते की टीमें अस्पतालों में भेजी गईं.

पीटीआई के अनुसार, ईमेल भेजने वाले ने दावा किया कि अस्पताल के बिस्तरों के नीचे और बाथरूम में बम रखे गए हैं.  यह घटना शनिवार को हरियाणा के गुरुग्राम में एंबियंस मॉल में बम की धमकी मिलने के एक दिन बाद हुई है. तलाशी के दौरान कोई संदिग्ध चीज नहीं मिली. नवी मुंबई के वाशी क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख मॉल को भी शनिवार को ईमेल पर बम की धमकी मिलने के बाद खाली करा दिया गया, जो बाद में एक झूठी खबर निकली.

दिल्ली और एनसीआर कई स्कूलों को धमकी मिली

मई में दिल्ली और एनसीआर के लगभग 250 स्कूलों को इसी तरह की धमकियां मिली थीं, जिसके कारण बड़े पैमाने पर स्कूलों को खाली कराया गया और तलाशी ली गई क्योंकि घबराए हुए माता-पिता अपने बच्चों को लेने के लिए दौड़ पड़े. पीसीआर वाहन स्कूलों में पहुंचे और जिला पुलिस, बीडीएस, एमएसी, स्पेशल सेल और क्राइम कंट्रोल रूम, डीडीएमए, एनडीआरएफ, फायर कैट्स और कई अन्य एजेंसियों को सतर्क किया गया. हालांकि, अधिकारियों द्वारा की गई तलाशी के दौरान कुछ भी नहीं मिला. 

कहां से आया था ईमेल

पुलिस ने कहा कि ईमेल वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग करके भेजे गए थे जो विदेशी सर्वर के माध्यम से डेटा को रूट और रीरूट करता था. पुलिस ने कहा कि इस मामले में उपयोगकर्ता ने ईमेल भेजने के लिए एक रूसी कंपनी की मेलिंग सेवा का उपयोग किया था. दिल्ली के स्कूलों पर खतरे के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया था. मंत्रालय ने स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और ईमेल की नियमित निगरानी सहित सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.