नई दिल्ली: रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरूआत हो गई है. रामभक्तों के साथ देश के तमाम बड़े नामचीन हस्तियों को निमंत्रण भेजा जा रहा है. इसी बीच चार शंकराचार्यों ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद इसको लेकर सियासत भी तेज हो चली है. रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह मे शंकराचार्यों के हिस्सा नहीं लेने के सवाल पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया है.
एक निजी चैनल को दिये इंटरव्यू में योगी ने कहा कि "हमने हर धर्माचार्य, आचार्य को निमंत्रण भेजा है और मुझे लगता है कि ये अवसर श्रेय का नहीं है. ये अवसर मान-अपमान का नहीं है. चाहे मैं हूं, एक सामान्य नागरिक है या इस देश का बड़े से बड़ा धर्माचार्य, कोई भी प्रभु राम से बड़ा नहीं है. सभी पूज्य संतों से अनुरोध करेंगे जिनको तीर्थ क्षेत्र ने आमंत्रण दिया है, जो इस समय नहीं आ पा रहे हैं वे कभी पधारें. हम सब राम पर आश्रित हैं. राम हम पर आश्रित नहीं है. इस बात को ध्यान में रखना होगा और राम से बढ़कर कोई नहीं है. हम सबकी व्यवस्था राम से चलती है."
22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा में 2 शकंराचार्य ने हिस्सा लेने से मना कर दिया है. पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती और उत्तराखण्ड के बद्रिकाश्रम में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया है. इनका मानना है कि राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा समारोह हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार नहीं किया जा रहा है. राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुए बिना भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करना सनातन धर्म के नियमों का पहला उल्लंघन है.
वहीं श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य जगद्गुरु भारती और शारदा मठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा का स्वागत किया है. दो शंकराचार्यों स्वामी भारती कृष्णा और स्वामी सदानंद सरस्वती ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा बनने को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. ऐसे में इस बात पर संशय बना हुआ है कि क्या ये दोनों शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा क्रार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे. कहा जा रहा है कि चारों शकंराचार्य रामलला प्राण प्रतिष्ठा क्रार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे.
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. मध्याह्न काल में मृगशिरा नक्षत्र में 84 सेकेंड के मुहूर्त में प्रधानमंत्री मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाने के साथ-साथ भगवान रामलला की महाआरती करेंगे.