'भारत को बांग्लादेश मत बनाइए, वरना छत घर से जुदा हो ही जाएगा...', छतरपुर कांड पर बोले धीरेंद्र शास्त्री
Dhirendra Shashtri: बागेश्वर धाम के मुखिया धीरेंद्र शास्त्री ने छतरपुर में हुई पथराव की घटना पर कहा है कि पुलिस ने अपनी कार्रवाई से एक लकीर खींची है कि अगर गलत करोगे तो घर छत से जुदा हो ही जाएगा. उन्होंने यह भी कहा है कि भारत राम का राष्ट्र है इसे बांग्लादेश और श्रीलंका बनाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सभी हिंदुओं को अपने नाम के आगे हिंदू लगाना चाहिए.
मशहूर कथावाचक और बागेश्वर धाम के मुखिया धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में हुई घटना पर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत को बांग्लादेश और श्रीलंका बनाने की कोशिश न की जाए, वरना छत घर से जुदा हो ही जाएगा. वह बिना नाम लिए शहजाद अली के घर पर हुए बुलडोजर एक्शन की ओर इशारा कर रहे थे. इतना ही नहीं, धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं से अपील की है कि वे अपने नाम के आगे हिंदू लगाएं. उन्होंने एक पदयात्रा निकालने का भी ऐलान किया है जिसके जरिए लोगों को जोड़ा जाएगा और उनका रजिस्ट्रेशन भी कराया जाएगा. छतरपुर की घटना पर दिया गया उनका बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो गया है.
छतरपुर में हुई पत्थरबाजी की घटना पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'निश्चित रूप से ये निंदनीय है. कानून के रखवाले हमारी रक्षा करते हैं, हम अगर उनको ही असुरक्षित कर देंगे, उनके ऊपर किसी प्रकार का कृत्य करेंगे तो यह दिखाता है कि शिक्षा का अभाव है. जो अशिक्षित होता है, वह विवाद करता है, जो शिक्षित होता है वह संवाद करता है. हम सबके पूर्वजों ने संविधान को स्वीकार किया तो उसके कानून की रक्षा करने की जिम्मेदारी हमारी है.'
'पुलिस ने सहनशीलता दिखाई, सही किया'
उन्होंने आगे कहा, 'दूसरी बात हम ये कहना भी चाहेंगे कि भारत को कृपा करके भारत ही रहने दीजिए. कृपा करके इसको बांग्लादेश और श्रीलंका बनाने की कोशिश मत कीजिए. यह भारत है साहब, राम का राष्ट्र है, शांति का राष्ट्र है, यहां शांति से वार्तालाप किया जा सकता है. पुलिस प्रशासन को भी धन्यवाद कि उन्होंने सहनशीलता भी दिखाई और कृत्य करने वालों के ऊपर कठोर कार्रवाई भी कि और इससे एक नई लाइन भी खींच दी कि अगर गलत करोगे तो छत से जुदा घर हो ही जाएगा.'
मीडिया से बातचीत में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'हम सभी अभी अपने नाम के आगे जाति लगाते हैं. कोई ब्राह्णण है, कोई ठाकुर है, कोई वैश्य है तो कोई शूद्र है. सभी हिंदू अपने नाम से पहले हिंदू लगाएं ताकि विदेश से आने वाले लोग हिंदू समाज के लोगों को पहचान सकें और उनसे मिल सकें. जात-पांत का संकट बहुत ज्यादा बढ़ गया है. हालात करो या मरो जैसे हो गए हैं इसलिए भारत को भव्य बनाने के लिए जात-पात को खत्म करना होगा.'
उन्होंने यह भी बताया कि वह छतरपुर से ओरछा तक की एक पैदल यात्रा करने वाले हैं. इस यात्रा के जरिए वह हिंदुओं को जोड़ने की कोशिश करेंगे और इस यात्रा का नाम 'हिंदू एकता पदयात्रा' होगा. इस यात्रा के लिए बाकायदा रजिस्ट्रेशन भी करवाया जाएगा.