22 जनवरी के दिन इस तरह से होगी भगवान रामलला की प्राण प्रत‍िष्ठा, आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया विधि-विधान 

आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि भगवान राम की आत्मा जिनकी सभी पूजा करते हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के माध्यम से मूर्ति में चली जाएंगी.अनुष्ठान में वेदों की ऋचाओं का उच्चारण शामिल होगा.

नई दिल्ली: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की उलटी गिनती शुरू हो गई है. इसी बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा की विधि की जानकारी साझा की है. 

जानें रामलला प्राण प्रतिष्ठा की विधि? 

आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि भगवान राम की आत्मा जिनकी सभी पूजा करते हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के माध्यम से मूर्ति में चली जाएंगी.अनुष्ठान में वेदों की ऋचाओं का उच्चारण शामिल होगा. 22 जनवरी को, मूर्ति को जलादिवास, दुग्धादिवास, पुष्पविवास, औषधिवास और अन्नदिवास से पहले अनुष्ठान किया जाएगा। स्नान किया गया. इसके बाद वैदिक श्लोकों के उच्चारण के माध्यम से 'प्राण प्रतिष्ठा' की जाएगी.प्राण प्रतिष्ठा  के बाद जब मूर्ति में देवता की सभी शक्तियां समाहित हो जाएंगी, तो इसे गर्भगृह में अपने स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा. इसके बाद मूर्ति के सामने एक दर्पण रखा जाएगा और भगवान राम की आंखों में काजल लगाया जाएगा. यह प्राण प्रतिष्ठा का अंतिम चरण है जिसके बाद भक्त मूर्ति के दर्शन कर सकेंगे.

22 जनवरी को रामलला की होगी प्राण प्रतिष्ठा

सभी शास्त्रीय परंपराओं  का पालन करते हुए प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रधानमंत्री मोदी, RSS सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी रहेगी. रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी.