Bulandshahr Old Temple: देश में ऐसे कई मंदिर है जिसे दंगे या फिर किसी विवाद के कारण सालों पहले बंद कर दिया गया था. अब धीरे-धीरे इन मंदिरों की सच्चाई लोगों के सामने आने लगी है. वाराणसी, संभल के बाद अब बुलंदशहर में भी सालों से बंद पड़े मंदिर का मामला सामने आया है. इस मंदिर को लेकर हिंदू संगठन ने प्रशासन से दोबारा खोलने की अपील की है. जिससे की लोग इस मंदिर में एक बार फिर से पूजा कर सकें.
बुलंदशहर के इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि ये मंदिर करीब 50 साल पुराना है, जिसे 1990 दंगे के दौरान बंद कराया गया था. तीन दशक पहले विवाद इतना बढ़ गया था कि लोग वहां का इलाका छोड़ कर चले गए थे. मंदिर की मूर्तियों को समुदाय के एक परिवार द्वारा नदी में विसर्जित कर दिया गया था. लेकिन मंदिर का ढांचा अभी भी वैसा का वैसा ही है.
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए वहां के एसडीएम ने बताया कि अभी से लगभग 30 साल पहले जाटव समुदाय के लोग इस मोहल्ले को छोड़कर चले गए थे. लेकिन अभी भी वहां पर मंदिर का ढांचा उसी तरीके से पूरी तरह सही-सलामत है. साथ ही स्थल को लेकर कोई विवाद भी नहीं है. उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने के बाद इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. सलमा हकन नामक इस मोहल्ले में पहले जाटव समुदाय के लोग एक साथ रहा करते थे. वो इस मंदिर में पूजा पाठ करने आते थे.
बुलंदशहर का ये मामला सुर्खियों में तब आया जब संभल में 46 साल से बंद पड़े मंदिर को दोबारा खोला गया. सरकार के इस एक्शन के बाद लोगों को यह उम्मीद मिली की शायद सालों से बंद पर ये मंदिर भी सरकार द्वारा फिर से खुलवाया जा सके. इस मामले को लेकर VHP और जाटव विकास मंच के लोगों ने भी आवाज उठाया है. उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि इस मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया जाए, जिससे की वहां के लोग एक बार फिर से धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकें. बुलंदशहर के खुर्जा में ये मंदिर संभल में 46 सालों से बंद पड़े शिव मंदिर के मिलने के एक सप्ताह बाद मिला है. इस मंदिर को फिर से खोलने के लिए लोगों ने प्रशासन को प्रार्थना पत्र दिया है. जिसमें उन्होंने पूजा-पाठ करने देने की अनुमति मांगी है.