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पैरों की धूल, गर्मी और बारिश..., हाथरस की भगदड़ के जिम्मेदार बने ये 3 अहम कारण

Hathras Satsang Accident :यूपी के हाथरस में भोले बाबा( सूरज पाल ) के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई. जहां करीब 122 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 150 से अधिक लोग घायल हैं. हालांकि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. यह हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ. जहां सत्संग में करीब 20 हजार से अधिक लोग पहुंचे थे.

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Edited By: India Daily Live
Hathras Satsang Accident
Courtesy: Social Media

भक्ति या अंधभक्ति, हाथरस की घटना ने अब लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. पांव छूने की होड़ ने मौत का पूरा रहस्य रच डाला. एक ओर बाबा के पांव छू लेने की जिज्ञासा थी, दूसरी ओर सेवादारों की कड़ी बंदिशें. सत्संग में बैठे लोग इस सेवादारों को कहा मानते. तभी तो बाबा के निकलते ही सभी लोग एक साथ दौड़े और देखते ही देखते काल के गाल में समा गए. कोई धक्के से गिरा तो कोई फिसलकर. किसी का सीना कुचला तो किसी का सिर.उमस पहले से सांसों पर भारी थी. अस्पतालों में भीड़ इतनी है कि सांस लेना मुश्किल हो रहा है. 

मंगलवार दोपहर दो बजे सत्संग समाप्त होने के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े. सेवादारों को निर्देश दिए जा रहे थे कि वह भीड़ को रोककर बाबा के काफिले को निकलने दिया जाए. इस दौरान भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई. लोग भागने लगे, तभी एक दूसरे पर गिरते चले गए. इस भीड़ में सबसे ज्यादा महिलाएं बताई जा रही हैं. 

बाबा के चरण रज के लिए काफिले के पीछे भागे लोग

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कुछ लोग सेवादारों से कह रहे थे कि उन्हें जाने दो भीड़ में दिक्कत हो रही है, लेकिन सेवादारों ने उनकी एक न सुनी. बार-बार कहते रहे कि पहले बाबा गुजरेंगे उसके बाद लोग. सेवादार भीड़ को हिदायत ही दे रहे थे कि बाबा का काफिला लोगों के करीब से गुजरा तो बाबा के करीब पहुंचने की होड़ मच गई.

काल के गाल में ऐसे समाते चले गए लोग

बाबा की गाड़ी को स्पर्श करने के लिए लोग भीड़ को चीरकर आगे बढ़ रहे थे. करीब जाने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे. इन लोगों को सेवादारों ने डंडा दिखाकर रोकने चाहा लेकिन भगदड़ मच गई. लोगों पर पानी से बौछारें होने लगी. लोग फिसल कर वहां बने किराने बने गड्ढे में गिरते चले गए. जहां इतनी भारी संख्या में लोगों की मौत हो गई. 

घटना के बाद से बंद जा रहा बाबा का फोन

भगदड़ के दौरान लोग मरते रहे और बाबा के कारिंदे गाड़ियों से भागते रहे. किसी ने भी रूककर हालात को जानने की कोशिश नहीं की. बताया जा रहा है कि यहां से बाबा का काफिला एटा की ओर रवाना हुआ था. बाबा के काफिले में 10 लग्जरी गाड़िया थीं. उनका सुरक्षा दस्ता भी गाड़ियों में था. घटना के बाद जब आयोजकों ने उन्हें फोन करने की कोशिश की तो किसी ने फोन रिसीव नहीं किया. वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद ही खुद बाबा का मोबाईल भी स्विच ऑफ हो गया था. जब बाबा का फोन स्विच ऑफ हुआ तो जो स्थानीय लोग आयोजन से जुड़े हुए थे वह भी मौका देखकर भाग निकले.