CM mohan yadav: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को राज्य की नई नागरिक उड्डयन नीति की घोषणा करते हुए कहा कि हवाई संपर्क को बढ़ाने के लिए हर 45 किलोमीटर के दायरे में पक्का हेलीपैड और हर 150 किलोमीटर के दायरे में हवाई अड्डा बनाने की योजना है. यह घोषणा भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन "इन्वेस्ट मध्यप्रदेश" से पहले इंदौर में उद्योगपतियों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान की गई.
मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को ही नई नागरिक उड्डयन नीति को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य भर में हर 45 किलोमीटर के दायरे में एक पक्का हेलीपैड और हर 150 किलोमीटर के दायरे में एक हवाई अड्डा होगा.” इस नई नीति का उद्देश्य मध्यप्रदेश में हवाई संपर्क को बढ़ावा देना और राज्य को पर्यटन और निवेश के लिए और भी आकर्षक गंतव्य बनाना है.
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर अनुदान
मुख्यमंत्री यादव ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश से नवीन मार्गों के जरिए देश के अन्य राज्यों को जोड़ने वाली प्रत्येक नई घरेलू उड़ान पर 7.50 लाख रुपये और प्रत्येक नई अंतरराष्ट्रीय उड़ान पर 10 लाख रुपये का अनुदान विमानन कंपनियों को दिया जाएगा. इस कदम से नए मार्गों पर उड़ानें शुरू करने और राज्य के हवाई संपर्क को मजबूत करने में विमानन कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा.
हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इंदौर, उज्जैन और ओंकारेश्वर के बीच हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए जल्द ही निविदाएं बुलाई जाएंगी. यह पहल पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आवागमन को सुविधाजनक बनाएगी.
नई MSME विकास नीति को मंजूरी
मुख्यमंत्री यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने राज्य की नई सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (MSME) विकास नीति को भी मंजूरी दी. उन्होंने कहा, “2.50 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से छोटा उद्योग लगाने वाले निवेशकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.” इस नीति के तहत निजी स्तर पर विकसित औद्योगिक क्षेत्रों को भी प्रदेश सरकार द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के समान लाभ और सुविधाएं दी जाएंगी.
पश्चिमी मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पश्चिमी मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही मेट्रोपोलिटन प्राधिकरण की घोषणा की जाएगी. इसमें इंदौर, उज्जैन, देवास, धार और शाजापुर जिलों का 10,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र शामिल होगा. यह पहल उद्योगों और निवेशकों के लिए आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और निवेश को आकर्षित करने में सहायक होगी.