बजट में अमेरिकी सामान को लेकर होगा बड़ा ऐलान, ट्रंप को मना लेगी भारत सरकार!
भारत ने हमेशा ही अपने आयात शुल्क को कड़ा रखा है, लेकिन इस बार संभव है कि भारत उन कुछ अमेरिकी उत्पादों के टैरिफ में कमी कर सकता है, जिनकी मांग भारतीय बाजार में लगातार बढ़ रही है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स और कुछ विशिष्ट खाद्य उत्पादों का समावेश हो सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से वैश्विक व्यापार में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इन परिवर्तनों का सीधा असर अमेरिकी उत्पादों पर पड़ेगा, क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ में कटौती करने का संकेत दिया है. भारत भी इस बदलाव से प्रभावित हो सकता है और संभव है कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती का ऐलान किया जाए.
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को और सुलभ और पारदर्शी बनाना है. अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों में सुधार की दिशा में यह एक अहम कदम हो सकता है. जहां एक ओर अमेरिका को भारत में अपने उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का मौका मिलेगा, वहीं भारतीय उपभोक्ताओं को अमेरिकी सामानों के लिए कम कीमत चुकानी पड़ सकती है.
भारत अमेरिकी सामान पर ले सकता है फैसला
भारत ने हमेशा ही अपने आयात शुल्क को कड़ा रखा है, लेकिन इस बार संभव है कि भारत उन कुछ अमेरिकी उत्पादों के टैरिफ में कमी कर सकता है, जिनकी मांग भारतीय बाजार में लगातार बढ़ रही है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स और कुछ विशिष्ट खाद्य उत्पादों का समावेश हो सकता है. भारत के लिए यह कदम खास मायने रखता है, क्योंकि इससे अमेरिकी उत्पादों की कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में इन वस्तुओं का लाभ मिल सकेगा. वहीं, भारत से अमेरिका में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और व्यापारिक संबंधों में मजबूती आएगी.
118 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार
इसके अलावा, भारत को भी कुछ अन्य देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को पुन: स्थापित करने और मजबूत करने का मौका मिलेगा, क्योंकि अमेरिका के साथ बेहतर व्यापारिक रिश्ते, अन्य वैश्विक साझेदारों से भी भारत को लाभ दिला सकते हैं. इस बजट में ऐसे कई अन्य कदम उठाए जा सकते हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को और प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेंगे. यदि अमेरिकी सामानों पर आयात शुल्क में कटौती की जाती है, तो यह भारत में व्यापारिक माहौल को और अधिक समृद्ध बना सकता है. 2023-24 में दोनों देशों के बीच 118 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार हुआ था जिसमें भारत का ट्रेड सरप्लस 41 अरब डॉलर रहा था.
भारत अपना 17 फीसदी से ज्यादा विदेशी व्यापार अमेरिका से करता है. भारतीय फल और सब्जियों समेत कृषि उत्पादों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा खरीदार है. बता दें कि एक्सपोर्ट किए गए प्रोडेक्ट्स पर टैरिफ कंट्रोल कर के ही देश एक दूसरे के साथ व्यापार को नियंत्रित करते हैं.