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'मेरी रीढ़ की हड्डी में गैप आ गया, मेरे दांत तोड़ दिए...', सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सुनाए पुलिस कस्टडी के किस्से

उत्तर प्रदेश के नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बताया है कि जब वह दिल्ली से गिरफ्तार हुए थे उस समय थाने में उनकी इतनी पिटाई हुई कि उनकी रीढ़ की हड्डी में 7 एमएम का गैप आ गया. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया चंद्रशेखर आजाद भीम आर्मी बनाने के बाद से ही चर्चा में आए थे और अब वह चुने हुए सांसद बन चुके हैं.

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MP Chandrashekhar Azad
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद आजकल काफी सुर्खियों में बने हुए हैं. वह विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया (INDIA) में शामिल होंगे या नहीं इस पर तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है लेकिन इस बीच न्यूज एंजेसी ANI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कई ऐसे बड़े खुलासे किए हैं जिससे राजनीति में चर्चा तेज हो गई है. इस बातचीत में सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि जब वह दिल्ली से गिरफ्तार हुए थे. उस वक्त पुलिस ने उनसे कैसे व्यवहार किया, चारों ओर क्या तस्वीर थी. चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'जब मैं जामा मस्जिद में गिरफ्तार हुआ तो मेरे हाथ में संविधान था, मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया.'

दरअसल, दलित-शोषितों की आवाज उठाने वाले चंद्रशेखर का कहना है कि उनका मिशन बहुत बड़ा है, वह देश की सत्ता की कमान किसी बहुजन के हाथ में देखना चाहते हैं. तभी तो उनसे जब पूछा गया कि बहुजन समाज की बेहतरी के लिए उनकी उम्मीद किससे हो सकती है. मोदी या राहुल? इस पर उन्होंने अपना नाम लेते हुआ कहा, ' चेंज के लिए पावर चाहिए और पावर जो है वो सत्ता में है, जिसका हिस्सा अब मैं भी हूं.

'मेरी रीढ़ की हड्डी में 7 एमएम का गैप है...'

चंद्रशेखर आजाद ने वह किस्सा सुनाया जब उनके ऊपर NSA लगा था और वह जेल गए थे. चंद्रशेखर ने कहा, 'जेल जाने से पहले मुझे थाने में खूब मार पड़ी, मेरी रीढ़ की हड्डी में 7 एमएम का गैप आ गया है. मेरे दांत तोड़ दिए गए. मेरे शरीर में जितनी हड्डियां नहीं हैं उससे ज्यादा लाठियां मुझ पर पड़ीं.'

'मैंने 2 सीटों पर लड़ा BSP ने 78 सीटों पर...'

चंद्रशेखर से सवाल पूछा गया कि बहनजी यानी मायावती के समर्थक कहते हैं कि आपने दलित वोटों को बांटा है, आप क्या बोलेंगे? इस पर चंद्रशेखर ने कहा, 'इस बार मैंने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा, मैं 78 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा, फिर भी बहुजन समाजवादी पार्टी ने क्या कमाल करके दिखाया? देश भर में इतनी सारी सीटें थी, जिस पर चुनाव हो रहा था. उन सीटों पर पार्टी ने क्यों नहीं कोई कमाल दिखाया? मैं तो दो ही सीट पर लड़ रहा था. बहन जी के कार्यकर्ता क्या कहते हैं और क्या नहीं मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.'

'सत्ता में रह रहे लोगों ने इंसान माना ही नहीं..'

चंद्रशेखर आगे कहते हैं, 'करोड़ लोग हमारे संगठन से जुड़े हुए हैं. वह सब लोग चाहते थे कि मैं यानी चंद्रशेखर जीतें. उन सभी लोगों को बहुत उम्मीदें हैं मुझसे क्योंकि आजादी के 76 साल बाद भी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही. रोटी, कपड़ा और मकान भी नहीं मिल रहा, सम्मान का जीवन नहीं मिल रहा है तो ऐसा लगता है कि आजादी के इतने सालों बाद भी सत्ता में रह रहे लोगों ने इंसान माना ही नहीं है'.

16 महीने चंद्रशेखर सहारनपुर की जेल में रहे

बता दें कि साल 2017 में जब सहानरपुर के शब्बीरपुर गांव में जातीय हिंसा भड़क गई थी. इसमें शुरुआत में दलितों और राजपूतों के बीच हिंसक संघर्ष देखने को मिला. इसमें कई दलितों के घर जला दिए गए थे. वहीं, राजपूत वर्ग से एक युवक की मौत भी हो गई थी. इस दौरान प्रदेश में दंगा इतना फैल गया कि पुलिस ने चंद्रशेखर पर लोगों को उकसाने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा दिया. उसके बाद कई 16 महीने चंद्रशेखर को सहारनपुर की जेल में रहना पड़ा था.