दिल्ली में इस सीटों पर दिखी कांटे की टक्कर, कहीं 344 तो कहीं 675 वोटों से मिली जीत
संगम विहार विधानसभा सीट पर बीजेपी के चंदन कुमार चौधरी ने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार दिनेश मोहनिया को केवल 344 वोटों से हराकर जीत हासिल की. चंदन कुमार चौधरी को कुल 54049 वोट मिले, जबकि दिनेश मोहनिया को 53705 वोट मिले.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी को बंपर सीट मिली हैं. आम आदमी पार्टी ने कड़ी टक्कर दी और कई सीटों पर हार-जीत का अंतर बेहद कम था. इन चुनावों के दौरान दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में रोमांचक मुकाबले देखे गए, जहां उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर के चलते परिणामों की घोषणा में देरी हुई. खासकर संगम विहार सीट पर यह स्थिति और भी दिलचस्प रही, जहां जीत-हार का अंतर महज 344 वोटों का था.
संगम विहार विधानसभा सीट पर बीजेपी के चंदन कुमार चौधरी ने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार दिनेश मोहनिया को केवल 344 वोटों से हराकर जीत हासिल की. चंदन कुमार चौधरी को कुल 54049 वोट मिले, जबकि दिनेश मोहनिया को 53705 वोट मिले. यह नतीजा निश्चित तौर पर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए एक अहम पल था, क्योंकि यहां हर वोट की कीमत काफी बढ़ गई थी.
त्रिलोकपुरी में 392 वोटों से हुई हार जीत
त्रिलोकपुरी में बीजेपी के रवि कांत ने 392 वोटों से जीते. रविकांत को 58217 वोट मिले. वहीं आप की अंजना प्राचा को 57825 वोट मिले. यहां कांग्रेस के अमरदीप को 6147 वोट मिले. जंगपुरा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह 675 वोटों से जीते हैं. उन्हें 38859 वोट मिले हैं. उन्होंने मनीष सिसोदिया को हराया. सिसोदिया को 38184 वोट मिले. कांग्रेस के फरहाद सूरी को 7350 वोट मिले.
दुर्गेश पाठक 1231 वोटों से हारे
तिमारपुर से सूर्य प्रकाश खत्री ने 1168 वोटों से जीत दर्ज की. इस सीट पर आम आदमी पार्टी के सुरेंद्र पाल को 54773 वोट मिले. यहां कांग्रेस को 8361 वोट मिले. राजेंद्र नगर से उमंग बजाज ने 1231 वोटों से जीत दर्ज की है. उन्होंने आप के दुर्गेश पाठक को हराया है. यहां कांग्रेस के उम्मीदवार विनित यादव को 4015 वोट मिले. यह नतीजा दिल्ली की राजनीति में एक और बदलाव का संकेत है, जहां बीजेपी ने अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करते हुए, आप को कड़ी टक्कर दी. चुनाव परिणामों से यह भी स्पष्ट हुआ कि दिल्ली के कई हिस्सों में आम आदमी पार्टी का दबदबा कमजोर पड़ा है और बीजेपी ने इसे चुनौती देने में सफलता पाई है.