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India Daily

'बयान बदलने का कोई वजह नहीं...', अमित शाह के PoK बयान पर विदेश मंत्रालय की दो टूक!

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के PoK वाले बयान के बाद सियासत तेज हो चली है. तमाम तरह के आरोप और प्रत्यारोप के बीच  विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान जारी किया है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची

हाइलाइट्स

  • PoK को लेकर अमित शाह के बयान पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
  • 'बयान बदलने का कोई वजह नहीं'

नई दिल्ली: लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के PoK वाले बयान के बाद सियासत तेज हो चली है. तमाम तरह के आरोप और प्रत्यारोप के बीच  विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का समर्थन किया है. अरिंदम बागची ने बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि पीओके पर भारत की स्थिति बहुत स्पष्ट है, यह भारत का हिस्सा है.

'बयान बदलने का कोई कारण नहीं...'

अरिंदम बागची ने अपने बयान में आगे कहा "मुझे नहीं लगता कि मुझे वास्तव में पीओके पर अपनी स्थिति दोहराने की जरूरत है. मुझे संसद में गृह मंत्री अमित शाह के बयान को स्पष्ट करने की जरूरत नहीं है. पीओके पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है. हम इसे भारत का हिस्सा मानते हैं. भारत का और हमें निश्चित रूप से अपना बयान बदलने का कोई कारण नहीं दिखता"

'नेहरू की गलती की वजह से बना PoK, वरना होता भारत का हिस्सा'

दरअसल बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 के चर्चा में हिस्सा लेते हुए PoK पर बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने कहा ''पंडित जवाहरलाल नेहरू के फैसले के कारण दो गलतियां हुई, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा. पहला है युद्धविराम की घोषणा करना. जब हमारी सेना जीत रही थी, तो युद्धविराम लगाया गया था. अगर युद्धविराम तो तीन दिन बाद होता तो PoK आज भारत का हिस्सा होता. दूसरा अपने आंतरिक मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना."

'मैंने कभी नहीं कहा कि नेहरू हानिकारक...'

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2023 पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कश्मीर समस्या का मूल कौन था? मैंने कभी नहीं कहा कि नेहरू हानिकारक थे. पीओके (PoK) के लिए 24 सीट आरक्षित की गई हैं क्‍योंकि पीओके हमारा है. दरअसल पहले जम्मू  में 37 सीटें थीं, नए विधेयक के तहत इन्‍हें बढ़ाकर अब 43 कर दिया गया है. वहीं, कश्मीर में पहले 46 सीटें थी. नए विधेयक के तहत इनकी संख्‍या बढ़ाकर 47 कर दी गई है. पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के लिए भी नए विधेयक में 24 सीटें आरक्षित की गई हैं.