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India Daily

'दिल की दूरी... दिल्ली की दूरी.. हटाने का...', पुंछ में मारे गए तीन नागरिकों को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कह दी बड़ी बात

पुंछ में आतंकवादी हमले के बाद आतंकवादियों को पकड़ने की मुहिम सेना की ओर से लगातार जारी है. इसी बीच सैन्य अभियान के दौरान तीन नागरिकों की मौत के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
three civilians killed in Poonch

हाइलाइट्स

  • जम्मू-कश्मीर के पुंछ में तीन नागरिकों की मौत
  • उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर बोला करारा हमला

नई दिल्ली: पुंछ में आतंकवादी हमले के बाद आतंकवादियों को पकड़ने की मुहिम सेना की ओर से लगातार जारी है. इसी बीच सैन्य अभियान के दौरान तीन नागरिकों की मौत के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हिरासत में हत्या के आरोप सही हैं, तो यह सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम के तहत बल और सुरक्षा बलों को दी गई सुरक्षा का अस्वीकार्य दुरुपयोग है. 

'दिल की दूरी या दिल्ली से दूरी को हटाने का तरीका नहीं'

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा "मानवाधिकारों के किसी भी उल्लंघन के लिए पारदर्शी जांच और सजा की मांग करना भी निरर्थक लगता है, यह देखते हुए कि जो लोग दोषी पाए जाते हैं उन्हें सजा भुगते बिना ही रिहा कर दिया जाता है. यह दिल की दूरी या दिल्ली से दूरी को हटाने का तरीका नहीं है.''

दरअसल उमर अब्दुल्ला जून 2021 में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की एक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे, जहां उन्होंने कहा था कि वह दिलों के बीच की दूरी को दूर करना चाहते हैं और दिल्ली को जम्मू-कश्मीर के लोगों के करीब लाना चाहते हैं.

'नागरिकों की हत्या की होनी चाहिए जांच'

नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा "हमारी पार्टी ने हमेशा आतंक की निंदा की है. हम सेना के पांच जवानों की हत्या की निंदा करते हैं. लेकिन, हम निर्दोष नागरिकों की हत्या की भी निंदा करते हैं. जैसे सरकार ने सेना के जवानों की हत्या की एनआईए जांच की घोषणा की है, वैसे ही नागरिकों की हत्या की भी जांच शुरू की जानी चाहिए."

जानें क्या है पूरा मामला? 

पुंछ जिले में आतंकवादी हमले में पांच जवान के शहीद होने के बाद सेना की पूछताछ और तलाशी अभियान के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई. सेना के वाहनों पर हुए आतंकी हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए सेना की ओर से उठाए गए लोगों में यह तीन भी शामिल थे. मृतकों के परिवार वालों का आरोप है कि इन तीनों की मौत हिरासत में प्रताड़ना के कारण हुई है. परिवार वालों का कहना है कि बीते गुरुवार को घात लगा कर हुए हमले के सिलसिले में जिन पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था उनमें ये तीनों शामिल थे. सरकार ने सभी मृतक के लिए मुआवजे के साथ परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है.