नई दिल्ली: सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस को यूपी में 11 सीटें देने का ऐलान किया था. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अखिलेश यादव के इस प्रस्ताव पर एतराज जताया है. कांग्रेस हाईकमान के बाद अब यूपी कांग्रेस इकाई के नेता सपा के इस प्रस्ताव पर असहमति जता रहे है. कांग्रेस पार्टी ने साफ किया कि अभी भी इस मुद्दे पर चर्चा जारी है और जब तक किसी निर्णायक समझौते पर बात नहीं बन जाती जबतक इसको सीट बंटवारे का अंतिम प्रारूप नहीं मानना चाहिए.
यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा सपा प्रमुख अखिलेश यादव का जो भी निर्णय आया है, उस पर हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व और मुकुल वासनिक के नेतृत्व में बनी कमेटी अपने स्तर पर फैसले ले रही है. अभी तक दोनों पक्षों की ओर से सकारात्मक और अच्छे वातावरण में बातचीत चल रही है. इसका परिणाम बहुत जल्द सामने होगा.
अजय राय के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि कांग्रेस पार्टी सपा के इस प्रस्ताव को मानने का इरादा नहीं दिखा रही है. अगर सबकुछ सही दिशा में नहीं रहा तो आने वाले दिनों में बंगाल,पंजाब और बिहार की तरह यूपी में भी इंडिया गठबंधन के बीच दरार देखने को मिल सकती है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक दोनों दलों के बीच तीन राउंड की बातचीत हो चुकी है, ऐसे में आगे दोनों दलों के बीच सुलझे हुए तमाम चुनावी मुद्दों पर तस्वीर साफ होने की उम्मीद है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव ने कांग्रेस को रायबरेली, अमेठी, वाराणसी, खीरी, कुशीनगर, कानपुर, बाराबंकी, फतेहपुर सीकरी, सहारनपुर और सीतापुर की सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने रायबरेली में जीत हासिल की थी तो वहीं पर अमेठी, कानपुर और फतेहपुर सीकरी पर दूसरे पायदान पर रही थी. 2014 में उसे रायबरेली और अमेठी में जीत मिली थी जबकि कुशीनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद और कानपुर की सीटों पर दूसरा स्थान मिला था. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश उन सीटों को लेने की है, जहां उसके जीत की उम्मीद नजर आ रही है.