नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पुणे जिले के आलंदी में आयोजित गीता भक्ति अमृत महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को साहसी कदम बताते हुए भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भगवान के आशीर्वाद और इच्छा की वजह से संपन्न हुआ हैं. काफी संघर्ष के बाद यह एक साहसी काम हुआ है. वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि उन्हें भगवान रामलला के ऐसे दर्शन करने को मिल रहा है.
भागवत ने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत को अपने कर्तव्य के लिए उठना होगा. यदि हम किसी भी वजहों से सामर्थ्यवान नहीं बन पाए तो दुनिया को बहुत जल्द विनाश का सामना करना पड़ेगा. पूरी दुनिया में उथल-पुथल बनी हुई है. इसके बारे में दुनिया भर के बुद्धिजीवी बोल रहे है और लिख रहे हैं. भारत बना रहना चाहिए, यह ईश्वर की भी इच्छा है लेकिन हमको भी इसको आगे बढ़ाने के लिए निरंतर काम करना चाहिए. अगर भारत समर्थ नहीं हुआ तो इसके नुकसान विश्व को भी होगा.
भागवत ने आगे कहा कि आने वाला भविष्य भारत का है. समय भले ही बदल गया है लेकिन ज्ञान और विज्ञान का मूल वही है, जो पुरातन समय से चली आ रही है. भारत शाश्वत है क्योंकि इसका मूल शाश्वत है. आने वाले समय में अखंड भारत अविश्वास और कट्टरता की सारी दीवारों को तोड़ देगा और एक एकजुट मानवता का निर्माण कर विश्व को खुशहाल बनाएगा. भारत ज्ञान और प्रकाश का रथ है. ज्ञान प्रदान करने के लिए भारत को आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि दुनिया को इसकी जरूरत है.