तीन मूर्तियों में से चुनी जाएगी रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति, प्राण प्रतिष्ठा के दिन सिंहद्वार के सामने PM मोदी का होगा संबोधन
22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन किया जाएगा. मिल रही जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के भव्य प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित लोगों को मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार 'सिंह द्वार' के सामने से संबोधित करेंगे.
नई दिल्ली: रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर है. 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन किया जाएगा. 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. पीएम मोदी के हाथों भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. मिल रही जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के भव्य प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित लोगों को मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार 'सिंह द्वार' के सामने से संबोधित करेंगे.
बाल स्वरूप भगवान राम की मूर्ति का होगा चयन
इस बीच अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की आज बैठक होने वाली है. यह बैठक भगवान राम की मूर्ति पर केंद्रित होगी, जिसे 22 जनवरी को मंदिर के भव्य उद्घाटन के समय भव्य मंदिर के गर्भगृह के अंदर स्थापित किया जाएगा. ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा था कि भगवान राम की 51 इंच ऊंची मूर्ति, जो पांच साल के राम लला को दर्शाती है को तीन डिजाइनों में से चुना जाएगा. जिसमें सबसे अच्छी दिव्यता होगी और उसका स्वरूप बच्चों जैसा होगा, उसे चुना जाएगा.
प्रभु राम की चरण पादुकाएं को किया जाएगा स्थापित
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की चरण पादुकाएं भी गर्भगृह में स्थापित की जाएगी. फिलहाल भगवान राम की ये चरण पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं. मिली जानकारी के मुताबिक यह प्रभु राम की चरण पादुकाएं प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी. इन चरण पादुकाओं को हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने तैयार किया है. श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन श्रीराम पादुकाओं के साथ अयोध्या की 41 दिनों की परिक्रमा की थी. इसके बाद इन पादुकाओं को रामेश्वरम से बद्रीनाथ तक सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाया जा रहा है और विशेष पूजा-अनुष्ठान किया जा रहा है.